इस दीवाली करें ये बदलाव तो दीवारें हो जाएंगी लाजवाब, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर
एक्सपीरियर पेंट की बढ़ी डिमांड। वॉशेबल पेंट के साथ लोग कर रहे पीवीसी वॉल पेपर को भी पसंद।
आगरा [तनु गुप्ता]: उत्साह के पर्व दीपावली के स्वागत की तैयारियां घर- घर में शुरू हो चुकी हैं। घर की साफ- सफाई के साथ गृहसज्जा के लिए कवायदें चल रही हैं। त्योहार पर घर मुस्कुरा उठे इसके लिए सबसे ज्यादा जिद्दोजहद दीवारों को सजाने के लिए होती है। पर्यावरण जागरुकता के दौर में लोगों की मांग होती है दीवारों का पेंट सेहत के लिए भी लाभकारी हो। आगरा पेंट व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष मुरारी लाल गोयल के अनुसार घर के इंटीरियर के लिए एक्सपीरियर पेंट सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है। इस पेंट की विशेषता होती है कि ये घर का तापमान कम करता है। साथ ही लंबे समय तक चलता भी है।
एक्सपीरियर पेंट करता है पांच डिग्री तक तापमान कम
मुरारी लाल गोयल बताते हैं कि एक्सपीरियर की विशेषताओं के वजह से इन दिनों ये सबसे ज्यादा मांग में है।
इसमें माइका की तरह चमक होती है तो स्थायित्व मार्बल की तरह। एंटी क्रेक, फंगस और डस्ट प्रूफ होने के कारण ये लंबे समय तक घर की दीवारों को सजाता है। वहीं यदि इसे कमरे के बाहर की दीवार पर पेंट करवाते हैं तो कमरे के अंदर का तापमान पांच डिग्री कम हो जाता है। दीवारों पर ये लेमिनेशन की तरह काम करता है। वॉशेबल होना भी इसकी एक विशेषता है।
बढ़ी वॉशेबल पेंट की मांग
व्यस्तता और महंगाई के दौर में हर वर्ष पेंट करवाने से हर कोई बचना चाहता है। मुरारीलाल के अनुसार आजकल हर किसी की डिमांड वॉशेबल पेंट की रहती है। इस विशेषता के पेंट बच्चों द्वारा की जाने वाली दीवारों पर कारीगरी से बचाते भी हैं और जरा सी धुलाई से नये जैसे हो जाते हैं। इसके लिए पर्ल पेंट को अधिक पसंद किया जा रहा है। इस क्वालिटी के पेंट की विशेषता रहती है कि इसे 100 बार तक धो या पौंछ सकते हैं।
डिस्टेंपर नहीं अब करवाइये अमलसम
घर की छत और बाहरी हिस्सों में करवाए जाने वाला डिस्टेंपर अब नये रूप में अधिक पसंद किया जा रहा है।
मुरारीलाल गोयल बताते हैं कि डिस्टेंपर की अपग्रेड क्वालिटी अमलसम इन दिनों पसंद की जा रही है। ये डिस्टेंपर से अधिक समय तक चलता है। साथ ही बजट की दृष्टि से भी किफायती है। मसलन एक किलो डिस्टेंपर 50 रुपये का आता है और 40 फुट कवर करता है। जबकि एक किलो अमलसम 80 फुट एरिया कवर करता है। साथ ही ये लीटर में आता है। एक लीटर अमलसम डेढ़ किलो बनता है।
रंगों की दुनिया में गुलाबी बहार
मुरारीलाल बताते हैं कि आम चनल वाले रंगों से इतर इन दिनों गुलाबी रंग के विभिन्न शेड्स की डिमांड ज्यादा है। कमरे की चारों दीवारों को कंट्रास्ट में सजाया जा रहा है। इसके लिए लाइट पिंक के साथ डार्क का शेड पसंद किया जा रहा है।
पेंट के साथ बढ़ा पीवीसी वॉलपेपर का चलन
आजकल हर कोई हर साल पेंट करवाने के झंझट से बचना चाहता है। ऐसे में घर की दीवारों को वर्षों बरस तक सुंदर बनाने के लिए बाजार में इन दिनों बिक रहा है पीवीसी वॉलपेपर। मुरारी लाल इसकी विशेषता बताते हैं कि वॉलपेपर पेंट के विकल्प के रूप में लगाया जाता था। पेंट साल दो साल चलते थे तो वॉलपेपर की गारंटी पांच वर्ष होती थी। लेकिन सीलन वाले एरिया में वॉलपेपर जल्दी खराब हो जाता था। ऐसे में पीवीसी वॉल पेपर सबसे अच्छा विकल्प बनकर उभरा है। इसकी विशेषता है कि ये 50 वर्षों तक टिका रहता है। सीलन वाले भाग को कवर करने की क्षमता इसकी अन्य विकल्पों की अपेक्षा सबसे बेहतर है।
क्योंकि हर दीवार कुछ कहती है
दिनभर की जिद्दोजहद में सुकून के पल गर कहीं मिलते हैं तो वो होता है अपना आशियाना। घर छोटा हो या बड़ा बस अपना हो, यही ख्वाब पाले हर कोई ताउम्र संघर्ष करता रहता है। घर को सुकून उसकी दीवारें भी देती हैं। जी हां, यह सही है कि घर उसमें रहने वालों से बनता है लेकिन यह भी सही है कि हर घर की हर दीवार कुछ कहती है। यदि घर के दर और दीवार सीलनयुक्त, गंदे, भद्दे और बदरंग हों तो मानसिक रूप से नकारात्मक भाव पैदा करते हैं। वहीं खिलती हुई दीवारें मन को उत्साह से भरती हैं। दीपावली क्योंकि उत्साह का पर्व है। खरीददारी की उमंग का पर्व है तो ऐसे में घर की दीवारों को भी उमंग से भरपूर करने की तैयारी भी हर घर में जोर शोर से चल रही है।
रखें ध्यान तो न होगा नुकसान
लोगों की सोच होती है कि पेंट तो महंगे से महंगा खरीद लेते हैं लेकिन उसे करवाने के लिए सस्ते विकल्प का प्रयोग करते हैं। नतीजा महंगा और अच्छा पेंट भी दीवारों को मन के अनुरूप शोभा नहीं देता। मुरारीलाल गोयल बताते हैं कि कुछ समय पहले तक पेंट के लिए जो ब्रश बाजार में मिलते थे वो जानवर के बाल से बने होते थे लेकिन इस पर बैन लगने के कारण अब चाइना के फाइबर ब्रश आ रहे हैं। लेकिन इन ब्रशों में पहले जैसा फ्लो नहीं आता। ऐसे में ब्रश के साथ रोलर का प्रयोग करना अच्छा रहता है। मात्र 70 रुपये और रोलर पर खर्च कर दीवारों की शोभा बढ़ा सकते हैं।
करें ब्रांडेड पेंट का ही प्रयोग
कई बार घरों में पेंट होने के कारण कुछ लोगों को श्वांस संबंधित रोग हो जाते हैं। इसका कारण पेंट में लैड सहित हानिकारक कैमिकल होना है। घर की दीवारों पर पेंट ब्रांडेड कंपनी के ही करवाएं। ध्यान रखें इन पेंट्स में लैड नहीं होना चाहिए।