Panchayat Bhawan: पंचायत भवन अनुरक्षण के मामले में मंडल में आगरा जिला सबसे पीछे
आगरा में 194 पंचायत भवन ऐसे चिह्नित किए थे जिनके अनुरक्षण की जरूरत थी। इसके सापेक्ष अब तक सिर्फ 52 पंचायत भवनों का ही अनुरक्षण हो पाया है। जबकि फीरोजाबाद में 66 पंचायत भवन चिह्नित किए थे इनमे से 60 भवनों का अनुरक्षण हो चुका है।
आगरा, जागरण संवाददाता। अब हर ग्राम पंचायत में पंचायत भवन होना अनिवार्य है। अगले चुनाव में चुनी जाने वाली गांव की सरकार पंचायत भवनों से ही संचालित होगी। इसके लिए शासन ने प्रत्येक पंचायत भवन को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। इस निर्देश पर मंडल में अनुरक्षण के लिए चिह्नित 366 में से 218 पंचायत भवनों का अनुरक्षण हो चुका है। इसमें आगरा सबसे पीछे है।
आगरा में 194 पंचायत भवन ऐसे चिह्नित किए थे, जिनके अनुरक्षण की जरूरत थी। इसके सापेक्ष अब तक सिर्फ 52 पंचायत भवनों का ही अनुरक्षण हो पाया है। जबकि फिरोजाबाद में 66 पंचायत भवन चिह्नित किए थे, इनमे से 60 भवनों का अनुरक्षण हो चुका है। मंडल में मथुरा और मैनपुरी ने लक्ष्य के अनुरूप अनुरक्षण कार्य पूरा कर लिया है। मथुरा में 42 और मैनपुरी में 64 पंचायत भवन चिह्नित किए थे। इन सभी का अनुरक्षण कार्य पूरा हो चुका है। दरअसल, तमाम गांवों की पंचायतों का संचालन प्रधान के ही घर से होता रहा है। गांव के विकास संबंधी बैठकें हों या पंचायत के दूसरे काम, सभी प्रधान के घर से ही तय होते थे। मगर, अब यह व्यवस्था खत्म होने जा रही है। ग्राम पंचायत सदस्यों की बैठक पंचायत भवन में ही हुआ करेगी। इसके लिए सभी ग्राम पंचायतों के पंचायत भवनों का अनुरक्षण किया जा रहा है। जल्द ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की घोषणा हो सकती है। इसके बाद ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों का गठन हो जाएगा। तब तक पंचायत भवन भी तैयार हो जाएंगे। यानि नए सदस्य नए भवन में कार्यभार संभालेंगे।