आरक्षण पर जाट जनप्रतिनिधियों में खलबली, कर सकते हैं विद्रोह
आगरा के एक सांसद ने साधा संघ नेता से संपर्क। फोन पर रोया दुखड़ा, वेट एंड वॉच की दी नसीहत।
आगरा(जेएनएन): एससी- एसटी एक्ट में संशोधन से भाजपा के सवर्ण कार्यकर्ता असहज महसूस कर रहे हैं। सांसद और विधायकों की स्थिति और भी ज्यादा विचित्र हो गई है। उन्हें न उगलते बन रहा है न निगलते। जिधर का पक्ष नहीं लेंगे वहीं के वोट खो देंगे। समाज में अपनी स्थिति विचित्र बनती देख वे असंमजस में हैं।
दोराहे पर खड़े जाट समाज के ऐसे ही जनप्रतिनिधि संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों से राय मशविरा कर रहे हैं। इस पर संघ के नेता ऐसे जनप्रतिनिधियों को वेट एंड वॉच की नसीहत ही दे रहे हैं।
आरक्षण पर सबसे ज्यादा विचित्र स्थिति भाजपा में जाट समाज के नेताओं की है। सरकार ने जाटों के आरक्षण के मसले को पिछड़ा वर्ग आयोग के हवाले कर दिया है। मंगलवार को आगरा इलाके के एक सांसद ने मथुरा निवासी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता को फोन किया। उनसे अपना दुखड़ा रोया कि वह कैसे समाज के समक्ष अपना मुहं दिखाएं। उनके तल्ख तेवर देख संघ पदाधिकारी भी विचलित हो उठे।
संघ पदाधिकारी ने आगरा के सांसद को वेट एंड वॉच का फार्मूला अपनाने को कहा। कहा कि देश में 24 फीसद एससी-एसटी वर्ग का वोट है। भाजपा के अंदर सत्ता और संगठन में 70 फीसद लोग सवर्ण हैं। ऐसे में सरकार ने कुछ सोच-समझकर ही निर्णय लिया होगा। समझाया कि सरकार सवर्ण वोट बैंक को नाराज नहीं करेगी। जिलाध्यक्ष नागेंद्र सिकरवार का कहना है कि मेरठ कार्यपरिषद की बैठक में भी ये सवाल उठे थे लेकिन मथुरा में ऐसी कोई नाराजगी नहीं है। सोशल मीडिया से माहौल खराब हो रहा है।