ABVP राष्ट्रीय अधिवेशन: विश्व बाजार से डरे हुए हैं भारत के उद्योगपति Agra News
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन के तीसरे दिन हुई रोजगार परिदृश्य एवं संभावनाएं विषय पर चर्चा।
आगरा, जागरण संवाददाता। विश्व बाजार से भारत के उद्योगपति और कारोबारी डरे हुए हैंं। पैसा होने के बावजूद वो निवेश नहीं कर रहे। उद्यम नहीं बढ़ा रहे। जबकि वे पैसे को निवेश करेंगे तो उनकी तो आय बढ़ेगी ही साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा। ये आर्थिक मंदी नहीं बल्कि आर्थिक सुस्ती का दौर है। एबीवीपी के राष्ट्रीय अधिवेशन के तीसरे दिन यह कहना था रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निदेशक सतीश मराठे का।
आगरा कॉलेज में चल रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 65 वें राष्ट्रीय सम्मेलन में रविवार को रोजगार परिदृश्य एवं संभावनाएं विषय पर संगोष्ठी हुई। सतीश मराठे ने विषय पर चर्चा करते हुए आगे कहा कि विश्व में भले ही मंदी का दौर चल रहा है लेकिन भारत की अर्थ व्यवस्था खराब नहीं है। सरकार इस ओर कदम उठा रही है। सरकार द्वारा उठाए जा रहे छोटे छोटे कदमों का असर भवष्यि में देखने को मिलेगा। भारत सरकार के मेक इन इंडिया अभियान का सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। अब देश में ही ट्रेन के डिब्बे बन रहे हैं, मोबाइल बन रहे हैं। जो चीजें पहले आयत होती थी अब उनका जल्द ही निर्यात होगा। आने वाले समय में देश की अर्थ व्यवस्था सुदृढ़ होगी।
जेएनयू में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर संतोश मेहरोत्रा ने कहा कि हर देश का एक दौर होता है जब उसकी कमाऊ युवा पीढ़ी की संख्या अधिक होती है और निर्भर रहने वालों की संख्या कम होती है। भारत में वर्तमान में यही दौर चल रहा है। देश का यह दौर आने वाले 20 वर्षों तक चलेगा। इसे देखते हुए हमारे देश में औद्योगिक और रोजगार नीति अब तक नहीं लाई गई है। बेरोजगारी बढ़ने का यह सबसे प्रमुख कारण है। उन्होंने आगे कहा कि सर्विस सेक्टर में रोजगार बढ़ रहा है लेकिन मैन्यूफेक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन में ग्रोथ नहीं हो रही। इन क्षेत्रों में रोजगार लगातार घट रहा है। आज जरूरत है कि युवा गैर कृषि क्षेत्र में रोजगार तलाशें। मॉर्डन सर्विस जैसे ऑटोमोबाइल,एजूकेशन इन हेल्थ, कंप्यूटर एंड रिसर्च, हेल्थ एंड इंश्योरेंस, आर्ट आदि क्षेत्रों में रोगजार तलाशें। इन क्षेत्रों में रोजगार बढ़ रहे हैं लेकिन सरकारी सेक्टर में ऐसा नहीं है। पिछले 20 साल से सरकारी नौकरियों में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। इसलिये लोगों को निजी सेक्टर की ओर ही देखना होगा। सिर्फ स्वच्छ भारत की वजह से रोजगार के अवसर बने हैं। उन्होंने कहा कि 90 फीसद असंगठित कामगारों की सामाजिक सुरक्षा नहीं है। न उन्हें पेंशन है और न ही इंश्योरेंस। सरकार ने पूर्व में इनके लिए सामाजिक सुरक्षा कोड लाने की कवायद की थी पर अब तक नहीं उसे लाया नहीं जा सका है। हालांकि ये कोर्ड विभिन्न चरणों में ही आएगा लेकिन जब आएगा तो असंगठित कामगारों के लिए बेहतर होगा।
संगोष्ठी से पूर्व अधिवेशन में सुबह पांच बजे व्यायाम हुए और कार्य पद्वति बताई गई थी।
सीएम पहुंचे 11:30 बजे
अधिवेशन के समापन सत्र का उदघाटन करने के लिए सोमवार सुबह 11:30 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आएंगे। करीब ढाई घंटे तक वे यहां रहेंगे। सीएम के आगमन को लेकर रविवार को दिन भर तैयारियां चलती रहीं।