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सपाई दुर्ग में हाथी पहरेदार, जानिये कहां है भगवा दल की मुश्किल भरी राह

सपा के गढ़ में पहले ही बड़े अंतर से हारती रही है भाजपा, बसपा को मिलते हैं खासे वोट।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 21 Dec 2018 05:36 PM (IST)Updated: Fri, 21 Dec 2018 05:36 PM (IST)
सपाई दुर्ग में हाथी पहरेदार, जानिये कहां है भगवा दल की मुश्किल भरी राह

आगरा, दिलीप शर्मा। आगामी लोकसभा चुनावों में सपा के सियासी दुर्ग को जीतने का ख्वाब देख रही भाजपा के लिए राह आसान नहीं है। इस दौड़ में कमल पहले ही साइकिल से पिछड़ता रहा है। साइकिल को हाथी का साथ मिलने के बाद इस दौड़ में आगे निकलना केसरिया दल के लिए लगभग नामुमकिन होगा।

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भाजपा की रणनीति प्रदेश में वर्ष 2014 के चुनाव की तरह बड़ी जीत हासिल करने के साथ राजनीतिक दलों के परंपरागत गढ़ कहे जाने वाले क्षेत्रों में भी विजय पाने की है। मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में भी संगठन पूरी ताकत झोंके हुए है। 

यहां वर्ष 1996 के लोस चुनाव में भाजपा ने दम दिखाया था। तब मुलायम सिंह यादव पहली बार इस सीट पर सपा से मैदान में थे। भाजपा ने उपदेश सिंह चौहान को लड़ाया था। तब सपा ने 51 हजार वोटों से जीत हासिल की थी। इसके बाद सपा के आगे इस सीट पर कोई दल नहीं टिक सका। जीत का अंतर भी दो से साढ़े तीन लाख वोट तक रहा। राजनीतिक दलों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक दोनों दलों का संयुक्त प्रत्याशी होगा तो उसे बड़े पैमाने पर वोट मिलेंगे। उक्त अंतर को पूरा करना और ज्यादा वोट पाना भाजपा के लिए अत्यधिक मुश्किल होगा।

मोदी लहर में भी नहीं ढहा गढ़

वर्ष 2014 में पूरे देश में मोदी लहर थी। तब मुलायम सिंह यादव ने भाजपा प्रत्याशी को 3.64 लाख वोट से हराया था। बसपा को भी 1.20 लाख वोट मिले थे। उपचुनाव में सपा के तेजप्रताप यादव ने भाजपा प्रत्याशी को 3.21 लाख वोट से हराया था।

शिवपाल फैक्टर का भी न होगा असर

अब तक मैनपुरी सीट से सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के चुनाव लडऩे की बात कही जा रही है। उनके लडऩे पर शिवपाल यादव ने प्रत्याशी न उतारने की बात कही है। यदि कोई दूसरा प्रत्याशी मैदान में उतरता है तो उनका दल कुछ प्रभाव डाल सकता है। हालांकि दोनों दलों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि गठबंधन होने के बाद जिले में प्रसपा लगभग बेअसर हो जाएगी।

बीते चार लोस चुनावों पर नजर 

2014 उपचुनाव

सपा से तेजप्रताप यादव 6.53 लाख वोट पाकर जीते।

भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य को 3.32 लाख वोट मिले।

2014

सपा से मुलायम सिंह 5.95 लाख वोट पाकर जीते। 

भाजपा के शत्रुघ्न सिंह हो 2.31 लाख वोट मिले।

बसपा की डॉ. संघमित्रा को 1.42 लाख वोट मिले।

2009

सपा से मुलायम सिंह 3.92 लाख वोट पाकर जीते।

बसपा के विनय शाक्य को 2.19 लाख वोट मिले।

भाजपा की तृप्ति शाक्य को 56265 वोट मिले।

2004 उप चुनाव

सपा से धर्मेंद यादव 3.48 लाख वोट पाकर जीते।

बसपा से अशोक शाक्य को 1.69 लाख वोट मिले।

भाजपा के रामबाबू को 14544 वोट मिले। 


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