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बारिश की मंदी में डीजल की मार

आगरा: ताजनगरी के ट्रांसपोर्ट कारोबार पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तो बारिश में मंदी ने ट्रांसपोर्ट व्यापार को चौपट कर दिया दूसरे डीजल के बढ़ते दामों ने कमर तोड़कर रख दी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Sep 2018 10:00 AM (IST)Updated: Sat, 01 Sep 2018 10:00 AM (IST)
बारिश की मंदी में डीजल की मार
बारिश की मंदी में डीजल की मार

आगरा: ताजनगरी के ट्रांसपोर्ट कारोबार पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तो बारिश में मंदी ने ट्रांसपोर्टर्स की कमर तोड़ दी, दूसरे डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतों ने मुश्किल और बढ़ा दी है। दस से बीस फीसद ही ट्रांसपोर्ट कारोबार हो रहा है, उसमें भी कमाई कम हो पा रही है।

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लगातार डीजल की कीमतों में इजाफा हो रहा है। बीते 15 दिन में ही चार रुपये प्रति लीटर कीमत बढ़ गई है। ऐसे में ट्रांसपोर्ट कारोबार पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। ट्रांसपोर्ट कारोबार का बाजार खुला है। यहां मांग के अनुसार भाड़ा बढ़ता है। करीब दो माह से बारिश के कारण ट्रांसपोर्ट कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लोडिंग और अनलोडिंग का काम महज दस से बीस फीसद ही बचा है। बाजार में काम नहीं है, इसलिए भाड़ा बढ़ने के बजाए और कम हो गया है। ट्रांसपोर्टर्स इसे लेकर बेहद परेशान हैं। आगरा ट्रांसपोर्ट चैंबर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता कहते हैं कि ट्रांसपोर्ट का काम इस समय महज दस फीसद ही बचा है, ऊपर से डीजल की कीमतें बढ़ने से परेशानी और बढ़ गई है। इसी तरह स्थिति रही तो ट्रांसपोर्ट कारोबार खासा प्रभावित होगा। बेंगलुरू एक चक्कर में 25 हजार का नुकसान

आगरा या अलीगढ़ से बेंगलुरू तक 20 टन माल का भाड़ा अस्सी हजार रुपये निर्धारित था। लेकिन बारिश में लोडिंग और अनलोडिंग कम होने के कारण बेंगलुरू तक ट्रक 70 हजार रुपये में जा रहा है। बेंगलुरू तक जाने में एक तरफ का डीजल करीब सात सौ लीटर लगता है। 15 दिन में ही दाम चार रुपये लीटर बढ़ गए हैं। ऐसे में एक तरफ की डीजल खर्च में ही करीब तीन हजार रुपये का इजाफा हुआ है। दोनों ओर से डीजल की कीमत पर करीब छह हजार रुपये बढ़े हैं, दूसरे बीस हजार रुपये का भाड़ा भी काम हुआ है। बेंगलुरू तक एक चक्कर लगाने में 26 हजार रुपये का घाटा हो रहा है। एक साल में डीजल की बढ़ गई 14 रुपये कीमत

ट्रांसपोर्टर अशोक बंसल बताते हैं कि पिछले वर्ष जून में डीजल की कीमत 58.50 रुपये थी, जबकि एक साल में ट्रक का भाड़ा नहीं बढ़ा। टोल टैक्स में भी इस दौरान दस फीसद का इजाफा हुआ है। ऐसे में सीधा नुकसान ट्रांसपोर्टर्स को हो रहा है। रोज तय होता है भाड़ा

प्रमुख ट्रांसपोर्टर गोपाल मोहन गर्ग बताते हैं कि खुले बाजार में रोज भाड़ा तय होता है। बाजार की मांग के हिसाब से भाड़ा कम या ज्यादा होता है। आज तक बाजार में मांग कम है, ऐसे में भाड़ा भी पहले से कम है। ज्यादातर गाड़ियां खड़ी रहती हैं। बीते 15 दिनों में डीजल की बढ़ी कीमतों पर एक नजर

दिन कीमत (रुपये प्रति लीटर)

15 अगस्त 68.64

16 अगस्त 68.70

17 अगस्त 68.78

18 अगस्त 68.78

19 अगस्त 68.84

20 अगस्त 68.96

21 अगस्त 69.02

22 अगस्त 69.02

23 अगस्त 69.02

24 अगस्त 69.10

25 अगस्त 69.10

26 अगस्त 69.24

27 अगस्त 69.98

28 अगस्त 69.93

29 अगस्त 70.07

30 अगस्त 70.25

31 अगस्त 72.53


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