डीजी जेल ने किया पुलिस कंट्रोल रूम का निरीक्षण, ट्रैफिक सुधार को बताया पहली जरूरत Agra News
डीजी जेल एवं नोडल अधिकारी आनंद कुमार दो दिन से हैं शहर में। चालान भेजने की व्यवस्था को भी जाना।
आगरा, जागरण संवाददाता। नोडल अधिकारी डीजी जेल आनंद कुमार ने बुधवार को पुलिस लाइन परिसर में स्थित विभिन्न विभागों का निरीक्षण किया। उन्होंने पुलिस कंंट्रोल रूम में तैनात पुलिसकर्मियों से उनके कार्यों की जानकारी ली। इस दौरान थानों का रिस्पांस टाइम को भी चेक किया।
ट्रैफिक पुलिसकर्मियों से शहर, यमुना एक्सप्रेसवे एवं लखनऊ एक्सप्रेसवे पर किये जाने वाले चालान को भेजने की व्यवस्था को भी जाना। इसके बाद हुई प्रेसवार्ता में डीजी जेल ने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार की ज़रूरत बताई। उन्होंने कहाकि ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए लोगों को भी जागरूक होने की ज़रूरत है। इससे पूर्व क्वार्टर गार्ड में उन्हें सलामी दी गई। मंगलवार को डीजी ने सिकंदरा थाने का निरीक्षण भी किया था। कार्यालय में मौजूद सिपाही से उन्होंने आइपीसी की धारा 506 के बारे में पूछ लिया। सिपाही उसका जवाब तक नहीं दे पाया था। निरीक्षण के समय एसएसपी बबलू कुमार, एसपी सिटी प्रशांत वर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। डीजी जेल के सवाल पर सिपाही चुप खड़ा रह गया। इंस्पेक्टर सिकंदरा अरविंद कुमार ने मामला संभालते हुए धारा के बारे में बताया। इसके बाद डीजी जेल ने थाने के अपराधों के बारे में पूछा। इंस्पेक्टर ने बताया कि चालू वर्ष में 10 हत्याएं हुई हैं। मालखाना, कंप्यूटर रूम व मैस का निरीक्षण करने के बाद वे डिस्पैच रूम में पहुंचे। वहां उच्च अधिकारियों के यहां से जांच को आने वाले प्रार्थना पत्रों के रजिस्टर को उठा लिया। रजिस्टर के पेज खोले तो उसमें जांच के निस्तारण का कॉलम खाली दिख गया। उसके बारे में पूछा तो वह जांच आठ माह पहले आए प्रार्थना पत्र से संबंधित थी। इसका निस्तारण हुआ या नहीं? इसकी किसी को जानकारी नहीं थी। डीजी ने निरीक्षण के बाद मीडिया को बताया कि थाना बहुत अच्छा बना है। रखरखाव भी उतना ही अच्छा लगा। इसके लिए उन्होंने इंस्पेक्टर सिकंदरा को शाबाशी दी।