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अटल इरादों का पक्का वादा हरिपदी के पक्के घाट

पूर्व प्रधानमंत्री ने शुरुआत कराई थी तीर्थ नगरी गंगाजी के पक्के घाट निर्माण की। काम की शुरुआत से पहले ही समर्थकों से कह दिया था- पूरा जरूर कराना।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 06:04 PM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 06:29 PM (IST)
अटल इरादों का पक्का वादा हरिपदी के पक्के घाट
अटल इरादों का पक्का वादा हरिपदी के पक्के घाट

आगरा(जेएनएन): कासगंज जिले में तीर्थनगरी सोरों की हरिपदी गंगा के चारों ओर पक्के घाट अटल इरादों का पक्का वादा है। जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर मोक्षनगरी आए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गंगाजी के घाटों को पक्का कराने का काम शुरू कराया था। आज चारों ओर से पक्के घाटों से सुसज्जित हरिपदी का पहला पक्का घाट बनवाने का श्रेय जननायक को ही है।

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तीर्थ नगरी, मोक्ष नगरी और शूकर क्षेत्र, वराह नगरी जैसे कई नामों से विख्यात उत्तर भारत के इस धाíमक नगर से अटलजी का काफी आत्मीय रिश्ता था। जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में सन 1969 में तीर्थनगरी आए अटल बिहारी वाजपेयी हरपदी गंगाजी को चारों ओर से गंदगी से पटा देखकर व्यथित हुए। इस दौरान उन्होंने गंगाजी में स्नान किया था, लेकिन कोई पक्का घाट ना होने की वेदना उनके मन में टीस पैदा करती रही। उन्होंने कार्यकर्ताओं से इस पर चर्चा की।

इस दौरान उस समय पालिका पर जनसंघ का कब्जा था। उन्होंने नगर पालिका अध्यक्ष हीरा लाल कैला से हरपदी गंगा के पक्के घाटों को लेकर ¨चतन किया और चारों और पक्के घाट बनवाने के काम की शुरूआत को कहा। बुजुर्गो की जानकारी को जागरण से साझा करते हुए डॉ. राधाकृष्ण दीक्षित बताते हैं कि अटलजी ने इस दौरान पालिकाध्यक्ष से कहा कि घाट पक्के कराने का पूरा काम न कर पाओ तो मत कराना। यदि करा सकते हो तो काम की शुरुआत करा देना। नहीं करा सकते हो तो मैं इसे पूरा कर आऊंगा। ऐसे इरादे जता कर अटल जी चले गए।

वह बताते हैं कि अटलजी का यह आदेश पालिकाध्यक्ष हीरालाल केला के दिमाग में खटकता रहा। उन्होंने इस संकल्प को पूरा कराने के लिए पालिका कर्मचारियों के अलावा तीर्थ नगरी के भी लोगों से बात की। दो साल में ही पहला पक्का घाट बनवाया तो उसके शिलान्यास के लिए सन 1971 में अटल बिहारी वाजपेई को बुलाया गया। इसके साथ ही चारों ओर से हरिपदी गंगा पर पक्के घाट बनाने का काम शुरू हुआ था। आज गंगाजी के चारों ओर पक्के घाट बनवाने का पहला श्रेय जननायक को ही जाता है।


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