100 करोड़ की जीएसटी चोरी पर कार्रवाई भूला विभाग, अब तक नहीं हुई गिरफ्तारी Agra News
पिछले दिनों वाणिज्य कर विभाग ने 21 फर्जी फर्मों पर की थी कार्रवाई। दो करोड़ से ज्यादा कर चोरी पर है मुकदमे और गिरफ्तारी का प्रावधान।
आगरा, जागरण संवाददाता। फर्जी फर्म बनाकर इनपुट क्रेडिट टैक्स चोरी करने वाली 21 फर्मों पर वाणिज्य कर विभाग की विशेष जांच शाखा (एसआइबी) ने बड़ी कार्रवाई की थी। लेकिन वक्त बीतने के बाद भी विभाग अब तक फर्जी फर्मों के खिलाफ न तो एफआइआर करा पाया है न कोई दूसरी कार्रवाई, जबकि जीएसटी कानून में दो करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी पर मुकदमे और गिरफ्तारी दोनों का प्रावधान है।
विभाग की एसआइबी यूनिट ने पिछले दिनों एक अप्रैल से 31 अक्टूबर के बीच 21 फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की थी, जिन्होंने फर्जी बिल के माध्यम से अवैध रूप से इनपुट टैक्स का लाभ लेकर राजस्व को चूना लगाया था। आशंका के मुताबिक इन फर्मों ने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की कर चोरी की थी। विभागीय सूत्रों की मानें तो फर्मों की जांच में पता चला कि इनमें कई फर्म बिल्कुल फर्जी मिली, जबकि कुछ फर्म सर्कुलर ट्रेडिंग के माध्यम से क्रेडिट इनपुट टैक्स के फर्जीवाड़े लिप्त मिली। मामला बढऩे पर विभाग ने शासन को रिपोर्ट तो प्रस्तुत कर दी, लेकिन अपने स्तर से मामलों में मुकदमा दर्ज कराना भूल गया।
आधा दर्जन से ज्यादा पर होगी एफआइआर
विभिन्न मामलों में कर चोरी कर राजस्व को चूना लगाने वाली करीब आठ से 12 फर्म हैं, जिन्होंने दो से लेकर पांच करोड़ तक की टैक्स चोरी की।
दो करोड़ से ज्यादा कर चोरी पर मुकदमा गिरफ्तारी का प्रावधान
सीए सौरभ अग्र्रवाल ने बताया कि जीएसटी कानून की धारा 132 में चार प्रकार के अपराधों पर बिना वारंट गिरफ्तारी एवं गैर-जमानती श्रेणी में रखा गया है, जिनमें अधिकतम पांच वर्ष के कारावास का प्रावधान है। इसमें करवंचन की मंशा से बिना इनवॉइस के बिक्री करना, केवल फर्जी इनवॉइस जारी करना, फर्जी बिल से आइटीसी का गलत उपयोग करना, टैक्स वसूलकर सरकारी खजाने में जमा न कराना शामिल है। इससे अतिरिक्त करवंचन की राशि दो करोड़ से ज्यादा होने पर जीएसटी कानून की धारा 69 में जीएसटी ऑफिसर गिरफ्तारी भी कर सकते हैं।
इन फर्मों पर पकड़ी थी कर चोरी
फर्म - कर चोरी
एस के ओवरसीज - 128
राहुल इंटरप्राइजेज - 4878.9
कृष्णा ट्रेडर्स - 268
डायमंड इंटरप्राइजेज - 211.45
संध्या इंटरप्राइजेज - 197.76
श्रीजी इंटरप्राइजेज -277.56
कमल ट्रेडिंग कंपनी - 106.87
सिद्धार्थ ट्रेडिंग कंपनी - 211
शिवशक्ति ट्रेडिंग कंपनी - 198.66
एसकेजे इंटरप्राइजेज - 397
राहुल ट्रेडिंग कंपनी - 106
राधे इंटरनेशनल - 265
एसए इंटरनेशनल - 104
राधे कृष्णा टाइल्स - 100
एमजी इंटरप्राइजेज - 624
ए टू जेड इंटरप्राइजेज - 101
स्वास्तिक ट्रेडिंग कंपनी - 309.98
रिद्दी-सिद्धी इंटरप्राइजेज - 904.68
अंश इस्पात उद्योग - 153
एसके इस्पात - 156
श्याम राधे ट्रेडिंग कंपनी - 352
कुल धनराशि - 10054
(कर चोरी लाख रुपये में है)
कबाडिय़ों से मिलकर हो रही थी चोरी
सूत्रों की मानें तो उक्त फर्म कबाडिय़ों के साथ मिलकर सर्कुलर ट्रेडिंग को अंजाम दे रही थीं। कर चोरी के उद्देश्य से कबाड़ी बिना बिल व्यापार कर रहे थे। हालांकि अब सूचना यह भी है कि उन्होंने बचने के लिए उक्त ट्रेडिंग बंद कर दूसरी कारोबार की तरफ रूख करना शुरु कर दिया है।
12 करोड़ की खरीद पर 40 करोड़ का बिल
श्याम राधे ट्रेडिंग कंपनी ने ही सर्कुलर ट्रेडिंग के माध्यम 12 करोड़ की खरीद घोषित कर करीब 40 करोड़ की बिक्री के बिल जारी कर दिए। सिर्फ इसी को नजीर मानें, तो विभाग के मुताबिक करीब तीन करोड़ की कर चोरी बनती है, फिर भी कार्रवाई न करना गले नहीं उतर रहा।