अटक गई लखनऊ से ड्राइविंग लाइसेंस मिलने की योजना, अभी यहीं से होगा काम
लाइसेंस को डाक से भेजने की होनी थी केंद्रीयकृत व्यवस्था। एक जनवरी से शुरू होनी थी नई व्यवस्था।
आगरा, जागरण संवाददाता। ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की केंद्रीयकृत व्यवस्था फिलहाल अधर में लटक गई है। एक जनवरी से लखनऊ से ड्राइविंग लाइसेंस भेजे जाने की व्यवस्था होनी थी, लेकिन फिलहाल इस दिशा में आगे काम नहीं बढ़ सका है।
अभी ड्राइविंग लाइसेंस जिला स्तर पर ही बनाए जाते हैं। ऑनलाइन शुल्क जमा करने के बाद आवेदक का टेस्ट लिया जाता है। इसके बाद यहीं पर बायोमैट्रिक सिस्टम के तहत हस्ताक्षर होते हैं। फिर डाक से आवेदक को लाइसेंस उसके घर भेजा जाता है। अलग-अलग जिलों से रजिस्ट्री करने में आ रही दिक्कतों को देख बाकी प्रक्रिया जिला स्तर पर कराने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस लखनऊ से डाक से आवेदक को भेजने की योजना बनाई गई थी। इसके तहत 31 दिसंबर तक ही जिला मुख्यालय से ड्राइविंग लाइसेंस बनने थे, लेकिन एक जनवरी से ये प्रक्रिया लखनऊ से होनी थी। फिलहाल ये व्यवस्था अधर में लटक गई है। जिले से लाइसेंस मिलने पर दलाल सेटिंग के जरिए आवेदक को एक घंटे में ही लाइसेंस दिला देते हैं। जल्दी लाइसेंस दिलाने में उनकी भी कमाई हो जाती है। लाइसेंस को लेकर शासन से अभी तक कोई दूसरा आदेश न आने से आरटीओ दफ्तर भी असमंजस में हैं। एआरटीओ प्रशासन अनिल कुमार सिंह ने बताया कि शासन से इस संबंध में आगे कोई पत्राचार नहीं हुआ है, इसलिए नई योजना को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।