Taxation: 31 दिसंबर तक भर लें आयकर रिटर्न, नहीं तो होगा जुर्माना
Taxation 31 दिसंबर है आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि। एक से 10 हजार रुपये तक का हो सकता है जुर्माना। आयकर विभाग के वेबसाइट पर जाते ही आपको यह स्लोगन देखने को मिलेगा कि फाइल करो झट से प्रोसेसिंग होगी पट से।
आगरा, जागरण संवाददाता। आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2020 है। इसे आसान बनाने के लिए विभाग ने झटपट प्रोसेसिंग की भी शुरूआत की है, ताकि आयकरदाताओं का परेशानी न हो। बावजूद इसके इस बार रिटर्न दाखिल करने से चूकने पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना झेलना पड़ सकता है।
सीए प्रार्थना जालान ने बताया कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम की अंतिम तिथि नजदीक है। जो वेतनभोगी हैं या बिजनेस से भी जुडे़ हैं लेकिन उनका टैक्स आडिट के दायरे में नहीं आते हैं, उन्हें अपना आयकर रिटर्न तय तारीख तक भरना चाहिए, नहीं तो उन्हें 10 हजार तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं जो आयकरदाता वेतनभोगी हैं और उनकी आय का आडिट नहीं होता, लेकिन वह बिजनेस से जुड़े हैं और आपकी बैलेंस शीट आडिट होती है, जो बिना जुर्माने के आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2021 है। इससे लेट होने पर जुर्माने का प्रावधान हैं।
इतना लगेगा जुर्माना
पांच लाख रुपये तक की आय वाले आयकरदाताओं को 31 दिसंबर के रिटर्न दाखिल करने पर एक हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा। वहीं पांच लाख से अधिक आय वालों के लिए जुर्माने की राशि 10 हजार तक हो सकती है। यह वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए आयकर भरने के प्रावधान हैं, जुर्माने के साथ 31 मार्च 2021 तक रिटर्न दाखिल किया जा सकेगा।
उठाएं लाभ
सीए पंकज जैन का कहना है कि आयकर विभाग ने रिटर्न में लगने वाले समय को कम करने के लिए झटपट प्रोसेसिंग प्रक्रिया की शुरूआत की है। इसके माध्यम से आयकर रिटर्न दाखिल करने पर पहले की तुलना में कम इंतजार करना होगा। इसके लिए आप आयकर विभाग के वेबसाइट पर जाते ही आपको यह स्लोगन देखने को मिलेगा कि फाइल करो झट से, प्रोसेसिंग होगी पट से। इसमें बताया गया है कि आयकर रिटर्न वन और फोर कैसे दाखिल किया जा सकता है। आयकर रिटर्न वन एक सरलीकृत एक पेज का फार्म है, जो उन आयकरदाताओं के लिए, जो वेतन या पेंशन व एक हाउस प्रोपर्टी से सालाना 50 लाख रुपये तक की आय प्राप्त करने हैं। आयकर रिटर्न फोन उन आयकरदाताओं के लिए जो व्यवसायी या पेशेवर हैं, उनमें वो लोग शामिल होंगे, जिन्हें आयकर अधिनियम की धारा 44एडी, 44एडीए और 44 एई के अनुसार संभावित आय योजना का विकल्प लिया है।