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Cyber Crime: खाकी को हथियार बना रहे साइबर ठग, इस तरह दे रहे वारदात को अंजाम

Cyber Crime आगरा में कई इंस्पेक्टर और सीओ की फेसबुक पर फेक आइडी बनाकर मांग चुके हैं रुपये। फ्रेंड लिस्ट में शामिल लोगों को ही मैसेंजर पर मैसेज भेजकर बनाते हैं ठगी को टारगेट। एक्सपर्ट की सलाह अपना फेसबुक प्रोफाइल लाक रखें।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 07:53 AM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 04:51 PM (IST)
फ्रेंड लिस्ट में शामिल लोगों को ही मैसेंजर पर मैसेज भेजकर बनाते हैं ठगी को टारगेट।

आगरा, जागरण संवाददाता। साइबर ठग समय के साथ-साथ अपना तरीका भी बदलते रहते हैं। इस समय फेसबुक आइडी हैक करके या फेक आइडी बनाकर ठगी का तरीका शातिर अपना रहे हैं। इसमें खाकी वालों को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। क्योंकि शातिरों को लगता है कि इनकी आइडी से रुपये की मांग करने पर आसानी से पूरी हो सकती है। शातिर अब तक कई इंस्पेक्टर और सीओ को निशाना बना चुके थे। बुधवार को एसएसपी बबलू कुमार भी इनका शिकार हो गए। शातिर उनकी फेक आइडी बनाकर परिचितों से रुपये मांग रहे हैं। मगर, साइबर सेल और पुलिस बेबस सी नजर आ रही है। अभी तक एक भी मामला खुल नहीं सका है। पुलिस इन शातिरों तक नहीं पहुंच पा रही है। एसएसपी बबलू कुमार का कहना है कि साइबर सेल को मिली सभी शिकायतों में जांच चल रही है। फेसबुक से डाटा मंगाने में समय लगने के कारण इसकी जांच में देरी होती है।

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ऐसे बनाते हैं शिकार

साइबर शातिर सबसे पहले फेसबुक पर प्रोफाइल और उनकी फ्रेंड लिस्ट को चेक करते हैं। इसके बाद आपके द्वारा की गई पोस्ट देखकर वे कार्य और पद का आंकलन करते हैं। फेसबुक प्रोफाइल से ही संबंधित व्यक्ति की फोटो और नाम लेकर वे दूसरी आडी बना देते हैं। इसके बाद धीरे-धीरे फ्रेंड्स को सर्च कर फ्रेंड लिस्ट तैयार करते हैं। उन्हें रिक्वेस्ट भेजकर दोस्ती करते हैं। इसके बाद मैसेंजर में चैट करके मजबूरी बताकर रुपये ठग लेते हैं।

शिकार होने से बचने को ये करें

अपना फेसबुक प्रोफाइल लाक रखें। इससे केवल फेंड लिस्ट में शामिल लोग ही आपके प्रोफाइल को चेक कर पाएंगे। अंजान लोग आपका फेसबुक प्रोफाइल और फ्रेंडस के बारे में जानकारी नहीं कर पाएंगे।

- अपनी फ्रेंड लिस्ट में शामिल किसी व्यक्ति की यदि फ्रेंड रिक्वेस्ट आए तो उसे स्वीकार करने से पहले जांच कर लेनी चाहिए। कहीं वह साइबर शातिरों की तो नहीं।

- साइबर शातिर लोगों को जाल में फंसाने के लिए उनकी फेक आइडी बनाते हैं। उस समय फ्रेंड्स की संख्या शून्य होती है। धीरे-धीरे वे संबंधित व्यक्ति के प्रोफाइल को चेक करके लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। इसके बाद संख्या बढ़ती जाती है। इसलिए किसी की भी फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से पहले उसकी फ्रेंड लिस्ट चेक कर लें। अगर उसमें दो चार फ्रेंड ही हों तो स्वीकार करने से बचें।

- अंजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें। इससे आप उनके जाल में फंसने से बच सकते हो। 


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