Cyber Fraud: फेसबुक की दोस्ती में लुटा दिया घर, 53.84 लाख की ठगी के बाद आई अक्ल Agra News
तीन माह तक दनादन खातों में रकम डालने के बाद समझ में आई ठगी। अब साइबर सेल पहुंचा मामला। जमा पूंजी खत्म होने पर कुछ रकम खेत का सौदा कर जुटाई तो कुछ रिश्तेदारों से ली उधार।
आगरा, जागरण संवाददाता। साइबर शातिरों ने फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज जाल में फंसा लिया। दो सौ करोड़ पाउंड भेजने का झांसा दिया फिर एयरपोर्ट पर उन्हें जब्त होने का मामला बताकर रुपये ठगना शुरू कर दिया। तीन माह तक कभी एक्साइज ड्यूटी तो कभी पेनाल्टी के नाम पर शिक्षक दंपती रकम खातों में जमा कराते रहे। इसके लिए रिश्तेदारों से उधार लिया और खेत का सौदा तक कर डाला, मामला समझ में आया तब तक 53.84 लाख की ठगी हो चुकी थी।
मैनपुरी निवासी शिक्षक रमाकांत की पत्नी की फेसबुक प्रोफाइल पर साइबर शातिरों ने लंदन के व्यक्ति का प्रोफाइल बनाकर छह माह पहले फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। उन्होंने उसे स्वीकार कर लिया। इसके बाद शातिर ने मैसेंजर पर बात शुरू की। खुद को बिजनेसमैन बताकर कहा कि वह भारत के देहात क्षेत्र में एक हॉस्पिटल खोलना चाहता है, वे इसके लिए जमीन खरीद लें। उनको वह दो सौ करोड़ पाउंड भेज रहा है।
शिक्षक ने उसकी बातों पर भरोसा कर लिया। चार-पांच दिन बाद कॉल आई कि दिल्ली एयरपोर्ट से बोल रहे हैं। आपके नाम से एक कंसाइनमेंट आई थी। स्कैन करने पर पता चला है कि इसमें दो सौ करोड़ पाउंड रखे हैं। इसका क्लीयरेंस चार्ज 17 लाख रुपये जमा कराना होगा। शिक्षक ने अपनी जमा पूंजी से रकम बताए गए खाते में जमा करा दी। इसके बाद दो बार कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि उसकी पेनाल्टी और जमा करनी पड़ेगी। इस तरह पेनाल्टी के रूप में धीरे-धीरे 35 लाख रुपये जमा करा दिए।
पेनाल्टी व क्लियरेंस चार्ज के रूप में वसूली करने के बाद ठगों ने वकीलों का चोला ओढ़ा। कुछ दिन बाद दंपती के पास एक अंजान नंबर से कॉल आई। उसने खुद को सुप्रीम कोर्ट का वकील बताते हुए कहा कि वह रकम रिलीज करा देगा। उसको पहले अपनी फीस आठ लाख रुपये खाते में चाहिए। रमाकांत ने उसकी फीस भी खाते में जमा करा दी। एक माह तक वह बहाने बनाता रहा। इसके बाद एक नए नंबर से फिर कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई का वकील बताते हुए कहा कि दिल्ली का वकील उन्हें ठग रहा है। वह उनकी फंसी हुई कंसाइनमेंट को रिलीज करा देगा। उसकी बात पर भी रमाकांत ने भरोसा कर लिया। उसके द्वारा बताई गई रकम भी उसने खाते में जमा कर दी। इस तरह तीन माह में शिक्षक दंपति ने 53.84 लाख रुपये शातिरों के अलग-अलग खातों में जमा करा दिए लेकिन हासिल कुछ भी नहीं हुआ।
दारोगा भाई से उधार लिये 14 लाख
दंपती ने अपनी जमा पूंजी खत्म होने के बाद खेत का सौदा कर एडवांस ले लिया। पत्नी ने अपने दारोगा भाई से भी 14 लाख रुपये ले लिए। उनको भी मामला नहीं बताया। एक माह तक इंतजार के बाद भी जब कंसाइनमेंट नहीं रिलीज हुई। तब वे पुलिस के पास पहुंचे। अब मैनपुरी पुलिस ने मामला रेंज साइबर सेल भेजा है। यहां इसकी जांच हो रही है।