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Cyber Crime: ठगी को नए-नए जाल बिछा रहे साइबर शातिर, दोस्‍ती से नौकरी के नाम पर धोखा

कभी रिश्तेदार और परिचित बन लिंक भेजकर तो कभी नौकरी के नाम पर करते हैं ठगी। सोशल साइट्स और आनलाइन शापिंग साइट्स के माध्यम से भी ठग रहे हैं शातिर। समय रहते अगर शिकायत होगी तो पुलिस भी कर पाएगी कुछ मदद।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 12:48 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 12:48 PM (IST)
साइबर शातिरों ने ठगी का नया पैंतरा अपना लिया है।

आगरा, यशपाल चौहान। मोबाइल और इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग के दौर में साइबर शातिर ठगी को नए-नए पैंतरे अपरा रहे हैं। अलग-अलग तरीकों से वे लोगों को जाल में फंसाकर ठगी कर लेते हैं। दूर दराज में बैठकर ठगी करने वाले शातिर पुलिस के लिए चुनौती बन रहे हैं। समय से शिकायत मिलने पर पुलिस ठगी की रकम वापस करा देती है। मगर, देरी होने पर पुलिस भी असहाय हो जाती है।

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लिंक भेजकर यूपीआइ से निकालते हैं रकम

साइबर शातिर मोबाइल नंबरों का डाटा विभिन्न माध्यमों से हासिल कर लेते हैं। इसके बाद उन नंबरों पर काल करके खुद को रिश्तेदार या परिचित बताते हैं। उनके खातों में रुपये डालने का झांसा देकर उन्हें जाल में फंसाते हैं। रिक्वेस्ट मनी का लिंक भेजकर यूपीआइ से उनके खाते से रकम निकाल लेते हैं। कभी पुलिसकर्मी और कभी ठेकेदार बनकर भी ये लोगों को जाल में में फंसा लेते हैं।

इंटरनेट मीडिया पर दोस्ती के बाद ठगी

साइबर शातिर फेसबुक पर युवक और युवतियों की फर्जी आइडी बनाकर दोस्ती कर लेते हैं। कोई एनआरआइ बनता है तो कोई स्थानीय। लोगों को प्रोजेक्ट शुरू करने का झांसा देकर फंसा लेते हैं। इसके बाद अलग-अलग बहानों से उनसे खातों में रकम ट्रांसफर करा लेते हैं। कुछ शातिर प्रतिष्ठित लोगों की फर्जी आइडी बनाकर परिचितों से रकम मांगते हैं। इस तरह के केस काफी समय से आ रहे हैं।

आनलाइन शापिंग साइट्स से ठगी

साइबर शातिर आनलाइन शापिंग साइट्स पर कार, बाइक व अन्य सामान बेचने का विज्ञापन देते हैं। इनको बेचने का झांसा देकर लोगों को ये फंसा लेते हैं। कई बार शातिर आनलाइन शापिंग साइट्स से सामान खरीदने पर भी जाल में फंसाते हैं। इसके बाद रकम ठग लेते हैं।

निष्क्रिय बीमा पालिसी भी बनाई ठगी का हथियार

साइबर शातिराें ने निष्क्रिय बीमा पालिसी को भी अपना हथियार बना लिया है। इन बीमा पालिसी धारकों का काल करके शातिर दोगुनी रकम दिलाने का वादा करते हैं। इसके एवज में पहले फाइल खर्च के नाम पर कुछ रकम शातिर अपने खाते में जमा कराते हैं। बाद में अन्य बहानों से वे ठगी करते रहते हैं।

सर्च इंजन पर कस्टमर केयर नंबर का जाल

साइबर शातिरों ने आनलाइन सर्च इंजन पर फर्जी कस्टमर केयर का जाल फैला लिया है। विभिन्न कंपनियों से मिलते जुलते नंबर फीड कर दिए गए हैं। इन नंबरों पर काल करने के बाद व्यक्ति शातिरों के जाल में फंस जाता है। ये समस्या का समाधान करने के नाम पर रकम खातों में जमा कराते रहते हैं।

सावधानी ही बचाव

जोन साइबर सेल ने इसको लेकर एडवाइजरी जारी की है। यह इस प्रकार है।

- इंटरनेट मीडिया पर दोस्ती करने से पहले व्यक्ति के बारे में जान लें। उसकी बात पर पुष्टि करने के बाद ही भरोसा करें।

- अंजान लोगों के कहने पर रुपये का आदान -प्रदान न करें। साइबर शातिर फर्जी आइडी बनाकर लोगों से रकम की मांग करते हैं। इसलिए देने से पहले संबंधित व्यक्ति से बात कर लें।

- बीमा पालिसी का भुगतान प्राप्त करने के लिए बीमा कंपनी से संपर्क करें। किसी अंजान व्यक्ति के मददगार बनने पर भरोसा न करें।

- सर्च इंजन पर कस्टमर केयर नंबर सर्च करते समय ध्यान रखें। संबंधित कंपनी की आफिसियल साइट पर जाकर ही नंबर प्राप्त करें। क्योंकि साइबर शातिरों ने कंपनियों के कस्टमर केयर नंबर की जगह अपने नंबर फीड कर रखे हैं। 


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