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अगर हो जाते Cyber अपराधियों के मंसूबे पूरे तो होती खाकी बदनाम, जानिए क्‍या है पूरा मामला

सदर के व्यापारी नेता को मैसेंजर पर किया था मैसेज। 25 हजार रुपये फोनपे या पेटीएम से भेजने की कहनेे पर हुआ शक।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 11:10 AM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 04:07 PM (IST)
अगर हो जाते Cyber अपराधियों के मंसूबे पूरे तो होती खाकी बदनाम, जानिए क्‍या है पूरा मामला
अगर हो जाते Cyber अपराधियों के मंसूबे पूरे तो होती खाकी बदनाम, जानिए क्‍या है पूरा मामला

आगरा, जागरण संवाददाता। साइबर शातिरों ने इंस्पेक्टर की फेसबुक आइडी हैक करके व्यापारी नेता से ठगी का प्रयास किया। मंगलवार को व्यापारी नेता रविंद्र पाल सिंह टिम्मा को मैंसेजर पर मैसेज भेजा। इसके कुछ देर बाद 25 हजार रुपये मांगे। इससे व्यापारी नेता को शक हो गया। उन्होंने पूछताछ शुरू की तो साइबर शातिरों ने मैसेज भेजना बंद कर दिए।

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सदर के डिफेंस एस्टेट निवासी रविंद्र पाल सिंह टिम्मा के अनुसार मंगलवार की दोपहर उनके मोबाइल के फेसबुक मैसेंजर पर एक मैसेज आया। यह मैसेज आगरा में तैनात पूर्व में तैनात रहे इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह की आईडी से था। उन्होंने इंस्पेक्टर से पूर्व परिचित होने के नाते हैलो लिखकर भेज दिया। इसके बाद साइबर शातिरों उन्हें अपने जाल में फांसने की कोशिश की। व्यापारी नेता को मैसेज भेजा कि मुझे किसी को 25 हजार रुपये भेजने हैं। आप फोनपे और पेटीएम इस्तेमाल करते हो तो उससे रुपये भेज दो। मैं आपको रुपये वापस कर दूंगा।मगर, रविंद्र पाल सिंह टिम्मा के अनुसार वह ई-वालेट का प्रयाेग नहीं करते हैं। इसलिए मना कर दिया।

साथ ही उन्हें इस तरह से रुपये मांगने पर शक हो गया। अपने एक परिचित से फोन पर बात की तो उसने अलर्ट रहने की कहा। उन्होंने रुपये मांगने वाले को मैसेज करके फोन पर बात करने की कहा।मगर,दूसरी ओर से मैसेज नहीं आया।उन्हाेंने छानबीन की तो पता चला कि इंस्पेक्टर की आइडी हैक हो गई थी।टिम्मा के अनुसार वह सतर्कता के चलते साइबर शातिरों का शिकार होने से बच गए।

धोखाधड़ी से बचने को पुलिस साइबर सेल के टिप्स

जिला पुलिस साइबर सेल के प्रभारी अमित कुमार कहते हैं कि कुछ बातों का ध्यान रखकर साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने से बचा जा सकता है।इनमें प्रमुख हैं

-यदि कोई अनजान नंबर से कॉल आए और वह आपको अपना रिश्तेदार या परिचित बताते हुए गूगल, पेटीएम या क्यूआर कोड के लिंक भेजे समझ लीजिए आप साइबर शातिर के निशाने पर हैं।

-शातिर ट्रू कॉलर एप की मदद से आपका नाम जान लेता है।आपका नाम लेकर बात करता है। इससे कि आपको उस पर पूरी तरह विश्वास हो जाए।

-वह टेक्स्ट मैसेज, वाट्सएप मैसेज, कॉल करके अापके बैंक खाते या पेटीएम वॉलेट और अन्य किसी खाते की केवाइसी अपडेट करने के लिए बताता है। उसकी बातों में नहीं आएं।

-आप से कोई छोटी रकम रजिस्ट्रेशन के नाम पर लेने का लालच या गूगल प्ले स्टोर या लिंक के माध्यम से कोई रिमोट एक्सेस एप आपको अपने मोबाइल में डाउनलोड करने की कहा जाता है।अाप ऐसा कुछ नहीं करें।

-आप किसी एप को किसी के कहने पर प्ले स्टोर या लिंक के माध्यम से अपने मोबाइल में डाउनलोड करते हैं तो इस एप की यूजर आइडी और पासवर्ड को शेयर कर देते हैं। ऐसे में आपके मोबाइल फाेन साइबर शातिर के हाथों में चला जाता है।वह दूर बैठे ही आपके फाेन के टेक्स्ट मैसेज, वाट्सएप मैसेज, ईमेल, फोटो, पासवर्ड, डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड का डाटा उसे पता चल जाता है।


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