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Cyber Crime: पति ने जमा कर दिया पत्‍नी के खाते से बिजली का बिल, इसी बात पर चला बखेड़ा

साइबर सेल की जांच के बाद हुआ पर्दाफाश। एक मामले में बेटे और दूसरे में पति ने ही निकाली थी रकम। ऑनलाइन ट्रांजेक्‍शन में रकम गायब होने के कई मामलों में जांच के बाद अपने रिश्‍तेदार ही आ रहे सामने।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 11:48 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 11:48 AM (IST)
Cyber Crime: पति ने जमा कर दिया पत्‍नी के खाते से बिजली का बिल, इसी बात पर चला बखेड़ा
साइबर क्राइम की पड़ताल में अधिकांश मामले निकल रहे घर से ही जुड़े। प्रतीकात्‍मक फोटो

आगरा, जागरण संवाददाता। अपनों ही खातों से रकम निकाल ली और शक दूसरों पर था। शिकायत साइबर सेल में पहुंच गई। जांच के बाद जब इनका पर्दाफाश हुआ तो पुलिसकर्मी भी चौंक गए। एक मामले में पति ने पत्नी के खाते से बिजली का बिल जमा कर दिया था तो दूसरे में बेटे ने शॉपिंग करने को पिता के रुपये पार कर दिए। मामला खुलने के बाद शिकायतकर्ताओं ने कार्रवाई से इन्कार कर दिया है।

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कृष्णा कॉलोनी निवासी एक महिला ने जुलाई में साइबर सेल में शिकायत की थी कि उनके केनरा बैंक के खाते से 956 रुपये किसी ने निकाल लिए हैं। साइबर सेल ने जांच की तो पता चला कि पेटीएम के माध्यम से रकम निकाली गई थी। पेटीएम कंपनी से जानकारी करने पर पता चला कि टोरंट का बिजली बिल जमा किया गया है। पेटीएम ने कनैक्शन नंबर दे दिया। वह महिला के पति के नाम निकला। साइबर सेल ने पति को बुलाकर पूछताछ की तो उसने बताया कि वह वेल्डिंग की दुकान पर काम करता है। पत्नी के खाते से उसने पेटीएम से बिजली बिल जमा कर दिया था। उसे ध्यान नहीं रहा था।

दूसरा मामला शाहगंज क्षेत्र का है। यहां के वरिष्ठ नागरिक ने खाते से 69 हजार रुपये निकाले जाने की शिकायत साइबर सेल में की। अंतिम ट्रांजेक्शन दो जुलाई को हुआ था। साइबर सेल की जांच में पता चला कि सभी ट्रांजेक्शन मोबी क्विक के माध्यम से हुए थे। मोबी क्विक कंपनी से जानकारी की गई तो पता चला कि यह रकम शिकायतकर्ता के बेटे ने ही निकाली थी। पुलिस ने उसे बुलाकर पूछताछ की। तब पता चला कि शिकायतकर्ता के बेटे ने ही शॉपिंग और घूमने पर वह रकम खर्च की थी। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि दोनों मामलों में शिकायतकर्ता और उनके स्वजन को हिदायत दी गई है। इस तरह की शिकायतों से पुलिस का समय बर्बाद होता है। शिकायत करने से पहले घर में अच्छे से पता कर लेना चाहिए।

एप डाउनलोड कराने के बाद शातिरों ने पार किए 22 हजार

न्यू आगरा क्षेत्र के एक कपड़ा व्यापारी गूगल पर फास्टैग का टोल फ्री नंबर खोजने में शातिरों के जाल में फंस गए। साइबर शातिरों ने उनसे एप डाउनलोड कराने के बाद खाते से 22 हजार रुपये पार कर लिए। न्यू आगरा के व्यापारी जय को एक्सप्रेस वे पर कार से जाने के लिए फास्टैग का रिचार्ज कराना था। इसके लिए सोमवार को फास्टैग टोल हेल्प लाइन का नंबर गूगल पर सर्च किया। उन्हें एक नंबर मिल गया। यह गूगल की लिस्ट में सबसे ऊपर आ रहा था। इससे उन्हें विश्वास हो गया। इसके बाद उस पर काल किया। एक व्यक्ति ने कॉल रिसीव किया। रिचार्ज करने की बात कही। इसके बाद मोबाइल पर स्क्रीन शेयर एप डाउनलोड करा दिया। इसके माध्यम से मोबाइल हैक कर लिया और खाते से 22 हजार रुपये निकाल लिए। खाते से रकम कटने का मैसेज आने पर जय को पता चला। उन्होंने थाना न्यू आगरा में ‌लिखित शिकायत की। अपने मोबाइल से स्क्रीन शेयरिंग एप भी हटा दिया। 


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