यस बैंक की शाखाओं में दिनभर लाइन, हंगामे पर तैनात कराए गए गार्ड Agra News
खाताधारकोंं की उड़ी रहीं हवाइयां बैंक खुलने से पहले ही जुट गई भीड़। आरबीआइ की 30 दिन तक 50 हजार रुपये निकालने की लिमिट से लोग परेशान।
आगरा, जागरण संवाददाता। यस बैंक पर आरबीआइ की ओर से तीन अप्रैल तक पाबंदी लगाए जाने की खबर ने बैंक ग्राहकों के होश उड़ा दिए। त्योहार से पहले सब जरूरी काम छोड़ लोग शुक्रवार को बैंक खुलने से पहले ही उनके बाहर पहुंच गए। अपनी मेहनत की कमाई न निकालने पर खाताधारकों ने हंगामा भी किया। बैंक के बाहर पुलिस तैनात रही।
यस बैंक के ग्राहकों को बैंक का निदेशक मंडल भंग होने और 50 हजार रुपये तक निकालने की जानकारी मिली तो संजय प्लेस, कमला नगर, दयालबाग और सदर स्थित शाखाओं के बाहर भीड़ जुटना शुरू हो गई। सुबह 10 बजे तक बैंक की चारों शाखाओं के बाहर बड़ी संख्या में ग्राहकों की भीड़ थी। बैंक खुलते ही अफरातफरी का माहौल हो गया। हर कोई अपना रुपया निकालने को परेशान था। बैंककर्मियों से लोगों की झड़प भी हुई। चारों शाखाओं में सुबह से लेकर शाम तक रुपये निकालने को लाइन लगी रही। एफडी तुड़वाने आए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बैंक प्रबंधन लोगों को जवाब देने से बचता रहा।
एटीएम पर रात से लगी भीड़
लोगों को गुरुवार रात को ही बैंक में रुपये फंसने की जानकारी हो गई थी। ऐसे में बहुत से लोग रात में ही एटीएम पर पहुंच गए। यस बैंक के एटीएम तो रात में ही खाली हो गए। दोपहर बाद कई ग्राहकों ने एटीएम कार्ड काम न करने की शिकायत की। उनका कहना था कि बैंक ने कार्ड ब्लॉक कर दिए हैं। नेट बैंकिंग भी काम नहीं कर रही थी।
पांच करोड़ का हुआ भुगतान
यस बैंक की चारों शाखाओं में करीब एक हजार ग्राहकों ने रुपये निकाले। बैंक ने करीब पांच करोड़ रुपये का भुगतान किया है। सुबह तो सेल्फ का चैक लाने वालों को भुगतान किया गया, लेकिन दोपहर बाद जिनका बैंक में अकाउंट है, केवल उन्हें ही भुगतान किया गया।
रात आठ बजे तक चलता रहा काम
बैंक शाखाओं में साढ़े चार बजे काम न होने की बात कहने पर लोगों ने हंगामा किया। इसके बाद बैंक प्रबंधन ने साढ़े चार बजे तक मौजूद लोगों को रुपये देने की बात कही। रात आठ बजे तक शाखाओं में काम होता रहा।
ये तो नोटबंदी जैसे हालात
बैंक शाखाओं में अपने रुपये निकालने के लिए लाइन में लगे लोगों का कहना था कि यह तो नोटबंदी जैसे हालात हो गए हैं। हम अपने रुपये भी नहीं निकाल सकते। कमला नगर ब्रांच में आए शुभम ने बताया कि मम्मी का ऑपरेशन कराना था, एक लाख रुपये की जरूरत थी, लेकिन अब कैसे उनका इलाज कराऊंगा।
चार शाखाओं में 18 हजार ग्राहक
ताजनगरी में यस बैंक की चार शाखाएं हैं। सभी शाखाओं में करीब 18 हजार ग्राहक हैं।
बैंक में रुपये फंस गए हैं। इससे बहुत परेशानी होगी। सब जमा पूंजी यहीं पर जमा है। 50 हजार रुपये निकालने से कोई राहत नहीं मिलेगी।
अवधेश चौधरी
जब से बैंक के डूबने के बारे में पता चला है, परेशान हैं। बैंक खुलने से पहले यहां आ गए थे।
सनी
बैंक में करंट एकाउंट है। 50 हजार से क्या होगा। पूरा बिजनेस चौपट हो जाएगा। करंट एकाउंट वालों को तो छूट देनी चाहिए।
विवेक गुप्ता
हैंडीक्राफ्ट का बिजनेस है। सभी लेनदेन करंट एकाउंट से होता है। 50 हजार में एक माह तक कैसे भुगतान करेंगे। पूरा बिजनेस चौपट हो जाएगा।
शादाब