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Crime in Agra Forest: शिकारी घोषित होंगे वन माफिया, वन विभाग प्रशासन को भेजेगा सूची

Crime in Agra Forest27 फरवरी को कीठम झील में किया था मछलियों का शिकार। एक आरोपित युवक की झील में डूबने से हुई थी मौत।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 06:10 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 06:10 PM (IST)
Crime in Agra Forest: शिकारी घोषित होंगे वन माफिया, वन विभाग प्रशासन को भेजेगा सूची
Crime in Agra Forest: शिकारी घोषित होंगे वन माफिया, वन विभाग प्रशासन को भेजेगा सूची

आगरा, जागरण संवाददाता। कीठम स्थित सूर सरोवर पक्षी विहार में आसपास के लोग जान हथेली पर रखकर नजर बचते ही पक्षी व मछलियों का शिकार कर देते हैं। वन विभाग इनको हमेशा के लिए रोकने में विफल रहता है। इसलिए वन विभाग एेसे शिकारियों की सूची तैयार कर रहा है, जो कई बार शिकार करते पकड़ गए हैं। उन्हें वन माफिया प्रशासन से घोषित कराया जाएगा। कीठम झील में शिकारी बार-बार मछलियों का शिकार करते हैं। सोमवार को शिकार करते पकड़े गए रफीक के आठ साथी इकबाल, हदीस, गुज्जा, इकरार, शौकी, रईस, वकील, निरंजन और समी पर पूर्व में चार-चार मुकदमे दर्ज हैं। वन विभाग हर बार पकड़कर वन संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मुकदमा दर्ज करके जेल भेज देता था। इसके बाद आरोपित जमानत पर रिहा हो जाते हैं और दो-चार महीने बाद फिर से शिकार करना शुरू कर देते हैं। ये संरक्षित पक्षियों की भी शिकार कर ले जाते हैं। उप वन क्षेत्राधि्कारी योगेश सिंह ने बताया कि अब वन विभाग इनकी सूची बनाकर प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत करेगा। जिससे इनको वन माफिया घोषित कराया जा सके। एक शिकारी की हुई थी मौत कीठम झील में 27 फरवरी में आठ आरोपितों को शिकार करते हुए पकड़ा गया था। इमरान वनकर्मियों ने पकड़ लिया था। जबकि उसके साले छोटू की झील में डूबने से मौत हो गई थी। इमरान के अन्य साथी मौके से भाग गए। बाद सभी जमानत पर छूट गए। 

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प्रतिबंधित क्षेत्र है सूर सरोवर पक्षी विहार

कीठम स्थित सूर सरोवर पक्षी विहार व झील प्रतिबंधित क्षेत्र है। यह केंद्र की ओर से सेंसिटिव जोन भी घोषित किया जा चुका है। सूर सरोवर पक्षी विहार के क्षेत्रफल के बाहर एक किलोमीटर के दायरे में जलीयजीव व वन्यजीव को प्रभावित करने वाली गतिविधि भी नहीं की जा सकती। झील की मछलियों का ठेका भी नहीं उठाया जाता। सूर सरोवर पक्षी विहार में टिकट के माध्यम से प्रवेश होता है।


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