ISRO Chandrayaan 2: ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने को आगराइट्स ने जागते गुजारी रात Agra News
ISRO चंद्रयान-2 की चांद की सतह पर लैंंडिंग देखने के लिए युवाओं और बच्चों में रहा क्रेज। कोई टीवी तो कोई मोबाइल से चिपका रहा। मंदिरों में हुई पूजा।
आगरा, जागरण संवाददाता। चांद की सतह पर भारत का ध्वज देखने की इच्छा आगराइट्स को देर रात तक जगाए रही। उन रोमांचकारी ऐतिहासिक पलों का साक्षी बनने की ललक आंखों से नींद उड़ाए रही। लैंडिंग के तय समय तक मूवी देखकर या सोशल मीडिया पर सक्रिय रहकर वक्त गुजारा। इस दौरान चंद्रयान की लैंडिंग को लेकर वाट्सएप पर मैसेज भी चलते रहे।
चंद्रयान 2 की चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग देर रात (छह-सात सितंबर की मध्य रात्रि) करीब दो बजे करीब हुई। इसके साथ ही भारत ने चंद्र मिशन (Moon Mission) में एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया। लैंडिंग के अंतिम 15 मिनट बेहद चुनौतीपूर्ण रहे। इस लैंडिंग को देखने के लिए स्कूली बच्चों और युवाओं में बेहद उत्सुकता नजर आई। बच्चे पहले तो अभिभावकों से अपनी जिज्ञासाएं शांत करते रहे। इसके बाद टीवी चैनल्स से चिपककर चंद्रयान 2 से जुड़े अपडेट्स लेते रहे।
इसके बाद रात एक बजे टीवी और हॉट स्टार पर हो रहे लाइव प्रसारण को देखना शुरू किया। लैंडर की चंद्रमा के साउथ पोल की सतह पर लैंडिंग के वक्त रोमांच चरम पर रहा। वाट्सएप और फेसबुक पर बधाई संदेश दिए जाने लगे। देश की इस उपलब्धि पर लोग गर्व का अनुभव कर रहे थे। आनंद इंजीनियरिंग कॉलेज मेंं प्रोजेक्टर के माध्यम से लाइव टेलीकास्ट किया गया। हॉस्टलर्स चंद्रयान की लैंडिंग का आनंद लेने के लिए देर रात तक स्क्रीन के आगे डटे रहे। आवास विकास कॉलोनी में युवा नेता मदनमोहन शर्मा तथा अन्य ने मंदिर में इस अवसर पर पूजा की और मंदिर परिसर में ही बैठकर लैंडिंग का लाइव टेलीकास्ट देखा।
सेंट कॉनरेड्स की छात्रा नव्या, रुद्रा, मानसी, लक्षिता ने कहा कि टीचर्स ने चंद्रयान की लैंडिंग को लेकर जानकारी दी थी। हमारे स्कूल में लैंडिंग को लेकर सवाल भी पूछे जाएंगे, इसलिए हमने यह शो पूरा देखा। सेंट पॉल्स के छात्र अरनव प्रकाश, केतुभ और देव ने कहा उनकी शुरू से विज्ञान में रुचि है। चंद्रयान के सफर पर वे शुरुआत से नजर रखे थे। इसको लेकर लेटेस्ट अपडेट्स देखते रहे। हालांकि युवाओं से लेकर बच्चों तक उस समय मायूस होना पड़ा, जब ये खबर आई कि चंद्रयान का 2.1 किमी पहले इसरो से संपर्क टूट गया है। इसके बाद वे सोने चले गए और सुबह जल्दी उठकर आगे का हाल जानने के लिए अखबार और चैनल्स से चिपक गए।