अदालत ने पूर्व कुलपति समेत नौ की जांच के आदेश किए, जानिए क्या है पूरा मामला
Ambedkar University Agra पूर्व कर्मचारी के प्रार्थना पत्र पर विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने किए आदेश। 2020 में कर्मचारी की अंकतालिकाएं जलाने के आरोप में की गई थी सेवा समाप्त। सीओ को 24 फरवरी तक आख्या न्यायालय में पेश करनी है।
आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. अशोक मित्तल की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामले में प्रो. मित्तल समेत नौ लोगों के खिलाफ न्यायालय ने सीओ हरीपर्वत को जांच के आदेश दिए हैं। सीओ को 24 फरवरी तक आख्या न्यायालय में पेश करनी है।
विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के कर्मचारी रहे वीरेश कुमार ने स्पेशल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां पूर्व कुलपति प्रो. अशोक मित्तल, प्रो. अनिल वर्मा, प्रो. यूसी शर्मा, प्रो. संजय चौधरी, सहायक कुलसचिव पवन कुमार, अधीक्षक अमृतलाल, मोहम्मद रईस, बृजेश श्रीवास्तव के खिलाफ प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। वीरेश ने प्रार्थना पत्र में इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अपील की थी। वीरेश का कहना है कि वे इतिहास विभाग में पिछले 23 सालों से कार्यरत था। विभाग में सत्र 2015-16 की संशोधित अंकतालिकाएं बंद कमरे में थीं। 2020 दिसंबर में प्रो. अनिल वर्मा ने उसे विभाग के बाहर जल रही रद्दी को देखने को कहा। मौके पर अंकतालिकाएं जल रही थीं। पूर्व कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने वीरेश को मौके पर देखा और अंकतालिका जलाने का आरोप लगाया। मामले की जांच के लिए समिति बनाई गई थी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर प्रो. मित्तल ने उसकी सेवाएं समाप्त कर दीं। वीरेश का कहना है कि प्रो. वर्मा ने वीरेश से नौकरी वापस दिलाने की एवज में पैसे मांगे। न्यायालय ने प्रार्थनापत्र को गंभीरता से लेते हुए सीओ हरीपर्वत को प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं। 24 फरवरी तक जांच की आख्या न्यायालय में पेश करनी है।