माया- अखिलेश पर टिप्पणी को लेकर सीएम योगी के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में वाद दर्ज
सीएम ने आजमगढ़ और जौनपुर में कहा था कि बबुआ गुंडों का सरताज और बुआ भृष्टाचार की प्रतिमूर्ति है।
आगरा, जेएनएन। सपा मुखिया अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणियों का मामला अब अदालत के दरवाजे तक पहुंच गया है। बबुआ को गुंडों का सरताज और बुआ को भ्रष्टाचार की प्रतिमूर्ति कहे जाने पर मैनपुरी सपा ने सीजेएम न्यायालय में वाद दायर किया है। जिसके अदालत ने स्वीकृत कर मंगलवार को सुनवाई की तिथि तय कर दी है।
चुनावी प्रचार के दौरान बीती पांच मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ और जौनपुर में जनसभाएं की थीं। मैनपुरी शहर के आजाद नगर निवासी रामदास निगम ने सोमवार को सीजेएम न्यायालय में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ वाद दायर किया। वाद में सपा के प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रामदास निगम ने कहा है कि बीती छह मई को उसने एक समाचार पत्र में योगी आदित्यनाथ द्वारा अपनी आजमगढ़ व जौनपुर की सभाओं में दिए गए बयान पढ़े थे। इसमें उन्होंने कहा कि बबुआ गुंडों का सरताज और बुआ भ्रष्टाचार की प्रतिमूर्ति है। वह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को बबुआ और बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को बुआ कहकर संबोधित करते हैं। अखिलेश यादव को गुंडों का सरताज और मायावती को भ्रष्टाचार की प्रतिमूर्ति कहकर गलत आरोप लगाए गए हैं। उनकी और पार्टी की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया और पार्टीजनों को मानसिक पीड़ा हुई। रामदास नेे कहा है कि उसने पहले थाने में इसकी शिकायत की, इसके बाद एसपी मैनपुरी को रजिस्ट्री से शिकायत भेजी गई। परंतु पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। इस कारण उसे कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। सीजेएम ममता सिंह ने वाद को स्वीकृत कर मंगलवार को सुनवाई की तिथि तय की है।
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