CoronaVirus से 'कड़वी' हुई पेठा की मिठास, एक चौथाई ही रह गया कारोबार
ऑर्डर न होने के चलते कारखानों में काम हुआ कम। 80 फीसद कम हुआ दस दिन में कारोबार।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी के पेठे की मिठास का हर कोई दीवाना है। ताजमहल देखने आए या किसी अन्य कारण से, यहां से पेठा जरूर लेकर जाता है। मगर कोरोना वायरस के भय के चलते ताजनगरी के इस कारोबार का 'जायका' आजकल खराब हो गया है। ऑर्डर न होने के चलते कई छोटी इकाइयां बंद होने के कगार पर हैं।
होली के बाद का समय पेठा कारोबारियों के लिए व्यापार के लिहाज से अच्छा माना जाता है। देश के कई राज्यों से उन्हेें बड़े ऑर्डर मिलते रहे हैं। देशभर में चैत्र नवरात्र में उपवास रखने वाले लोग भी माता के प्रसाद में और फलहार में पेठा का प्रयोग करते हैं। पेठे की डिमांड को देखते हुए करीब 40 से 60 प्रकार की पेठे की वैरायइटी बाजार में मिलती है। नूरी दरवाजा स्थित थोक पेठा कारोबारी सोनू मित्तल का कहना है कि जब से कोरोना वायरस की दहशत व्याप्त हुई है, कारोबार एक चौथाई रह गया है। ऑर्डर बंद हो गए हैं। होली के बाद तो काम बिल्कुल खत्म हो गया है। बताया कि जो व्यापारी पहले दो-दो कुंतल का ऑर्डर देते थे, उनके ऑर्डर न के बराबर हो गए हैं। शहीद भगत सिंह पेठा कुटीर उद्योग के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल का कहना है कि कोरोना के चलते व्यापार पूरा प्रभावित हो गया है। बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है। 80 फीसद तक व्यापार प्रभावित हुआ है, क्योंकि सारा माल बाहर जाता है। ऑर्डर न आने के चलते बहुत सी इकाइयां में काम बंद पड़ा।
500 करोड़ का है कारोबार
पेठा कारोबारियों की मानें तो आगरा में पूरे वर्ष में पेठा का करीब 500 करोड़ का कारोबार होता है।
यहां है सबसे अधिक सप्लाई
आगरा से पेठा की सबसे ज्यादा सप्लाई हरियाणा में होती है। इसके अलावा जयपुर, इंदौर, दिल्ली, मुंबई व पंजाब भी बड़ी मंडी हैैं।
यह है स्थिति
कच्चे पेठा की आढ़त - 20
पेठा बनाने वाली इकाइयां - 500
पेठा बेचने वाली दुकानें - 2000
पेठा कारोबार से जुड़े मजदूर - 10 हजार