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Covid 19: आगरा में 7000 ने दी कोरोना को मात, इस तकनीक से बचाई जा रही जान

कोरोना संक्रमित 7021 मरीज हो चुके हैं ठीक कैंसर गुर्दा ह्रदय मधुमेह रोगियों ने दी कोरोना का मात। मासूम से लेकर गर्भवती जीत चुके हैं कोरोना से जंग 91 फीसद मरीज हुए ठीक। कोरोना संक्रमित 70 फीसद मरीजों में मामूली लक्षण मिल रहे हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 09:32 AM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 09:32 AM (IST)
Covid 19: आगरा में 7000 ने दी कोरोना को मात, इस तकनीक से बचाई जा रही जान
कोरोना संक्रमित 70 फीसद मरीजों में मामूली लक्षण मिल रहे हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना को 97 साल के बुजुर्ग, 23 दिन का मासूस, गर्भवती, कैंसर और गुर्दा रोगी मात दे चुके हैं। ताजनगरी में 7000 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो गए हैं, मरीजों के ठीक होने का फीसद 91 ( कोरोना संक्रमित मरीज 7658) से अधिक है।

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कोरोना संक्रमित 70 फीसद मरीजों में मामूली लक्षण मिल रहे हैं। ये मरीज पौष्टिक आहार, मल्टी विटामिन सहित लक्षण के आधार पर दवाएं लेकर ठीक हो रहे हैं। मगर, 30 फीसद मरीजों में से सांस लेने में परेशानी होने पर भर्ती हो रहे 60 साल से अधिक उम्र के मरीजों की जान बचाना डाक्टरों के लिए चुनौती बना हुआ है। यहां गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए दवाओं के साथ ही हाइ फ्लो आक्सीजन की मदद ली जा रही है। एसएन मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा संजय काला ने बताया कि कोविड निमोनिया में फेफड़ों की फाइब्रोसिस ​(फेफड़ों की सिकुडन) हो रही है, 60 फीसद फेफड़े खराब होने पर मरीज भर्ती हो रहे हैं। इन मरीजों में कुछ दवाएं देने के साथ ही खून में आक्सीजन का स्तर 90 फीसद से अधिक रखने के लिए हाइ फ्लो नैजल कैनुला (एचएफएनसी) से आक्सीजन दी जा रही है। इससे तीन से चार दिन में मरीज ठीक होने लगते हैं। कुछ मरीजों में प्लाज्मा थैरेपी भी दी गई। यहां भर्ती होने वाले मरीज के फेफड़े, ह्रदय की जांच कराने के साथ दवाएं दी जाती हैं, इससे गंभीर मरीजों की जान बचाई जा रही है।

वेंटीलेटर से 10 फीसद की जान, हाइ फ्लो आक्सीजन से 80 फीसद की बची जान

एसएन मेडिकल कालेज के एल थ्री लेवल के कोविड हास्पिटल में सांस लेने में परेशानी होने पर भर्ती हुए मरीजों को वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया। इसमें से 10 फीसद की ही जान बच सकी। वहीं, गंभीर मरीजों को बाईपैप से आक्सीजन दी गई, इसके बाद एचएफएनसी से हाइ फ्लो आक्सीजन दी गई। इन्हें वेंटीलेटर पर जाने से बचाया गया, इनमें से 80 फीसद की जान बचा ली गई।

एसएन में इस तरह किया गया इलाज

रेमडेसि​वीर इंजेक्शन, आइवरमेक्टिन और डाक्सीसाइक्लिन

कॉम्बीनेशन, एजीथ्रोमाइसिन, स्टेरॉयड, खून को पतला करने के लिए दवा। सहित लक्षणों को देखते हुए दवा दी गई।

प्लाज्मा थैरेपी

हाइ हाइ फ्लो आक्सीजन

पौष्टिक आहार

ये कराई जा रही जांच

एक्सरे, सीटी स्कैन, खून गाढा तो नहीं हो गया, इसके लिए डी डाइमर सहित अन्य जांच कराई जा रही हैं 


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