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गांवों में सिमटते कोरोना के पैर, बरकरार रखनी है सावधानी

जिले की 690 में से 673 ग्राम पंचायतों में कोरोना का एक भी सक्रिय केस नहीं 17 ग्राम पंचायतों में सक्रिय केस एक महीने पहले 156 ग्राम पंचायतें थीं प्रभावित

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 09:28 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 09:28 PM (IST)
गांवों में सिमटते कोरोना के पैर, बरकरार रखनी है सावधानी

जागरण संवाददाता, आगरा: ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना सिमटता जा रहा है। जिले की 690 ग्राम पंचायतों में से 673 ग्राम पंचायतों में कोरोना का एक भी सक्रिय केस नहीं है। सिर्फ 17 ग्राम पंचायतों में 22 सक्रिय केस रह गए हैं। जबकि बीती 17 मई को जिले की 156 ग्राम पंचायतें कोरोना से प्रभावित थीं। लगभग एक महीने में 139 ग्राम पंचायतों के लोग अपनी सजगता और ²ढ़ इच्छा शक्ति से कोरोना को हराने में कामयाब रहे हैं। ऐसी सजगता बरकरार रखनी है।

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जिले में ऐसी कई ग्राम पंचायतें हैं, जहां कोरोना नियंत्रण के लिए काफी प्रयास किए गए। प्रशासनिक स्तर से तो गांव-गांव सैनिटाइजेशन कराया ही गया, कई प्रधानों ने अपने प्रयासों से भी सैनिटाइजेशन का कार्य जारी रखा। साथ ही ग्रामीणों को शारीरिक दूरी बनाए रखने और मास्क लगाए रखने के लिए निरंतर जागरूक करते रहे। इन्हीं सबका परिणाम है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना सिमटता जा रहा है।मगर, ऐसी सजगता बरकरार रखनी है, तभी कोरोना की तीसरी लहर से निपटा जा सकेगा।

ये है स्थिति

ब्लाक अछनेरा, अकोला, एत्मादपुर, फतेहाबाद, फतेहपुर सीकरी, जगनेर, खंदौली, पिनाहट और सैंया में कोरोना का एक भी सक्रिय केस नहीं है। ब्लाक शमसाबाद में एक, खेरागढ़ में दो, जैतपुर कलां में आठ, बिचपुरी में दो, बरौली अहीर में छह और बाह में तीन सक्रिय केस हैं।

सजगता

बिचपुरी ब्लाक के सहारा गांव में बीते दिनों कोरोना के पांच सक्रिय केस थे। वर्तमान में यहां एक भी कोरोना संक्रमित नहीं है। यहां मास्क लगाने पर काफी जोर दिया जाता है। निगरानी समिति के साथ-साथ ग्रामीण भी काफी सजग हैं। गांव में यदि कोई बिना मास्क या मुंह पर गमछा लपेटे नजर आता है तो उसे टोक दिया जाता है। उसे वहीं से घर लौटा दिया जाता। बाहरी व्यक्तियों को भी बिना मास्क के गांव में प्रवेश नहीं दिया जाता। उन्हें या तो लौटा दिया जाता है या फिर मास्क उपलब्ध कराया जाता है। प्रयास

बाह ब्लाक की चमरौआ ग्राम पंचायत में कोरोना का एक भी सक्रिय केस नहीं है। सजगता के चलते पूर्व में भी यहां के लोग कोरोना से बचे रहे। गांव में सैनिटाइजेशन पर काफी ध्यान दिया जाता है। यहां प्रधान अमित कुमार के माध्यम से सैनिटाइजेशन का कार्य निरंतर चल रहा है। शायद ही कोई दिन छूटता हो, जिस दिन ग्राम पंचायत के किसी न किसी क्षेत्र में सैनिटाइजेशन न होता हो। इतना ही नहीं, यहां के ग्रामीण भी काफी जागरूक हैं।ग्रामीण शारीरिक दूरी बनाए रखने का विशेष रखते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना नियंत्रण के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं। निगरानी समिति के माध्यम से दवाइयों का वितरण कराया जा रहा है।साथ ही सैनिटाइजेशन और सफाई व्यवस्था पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है।

ए. मनिकंडन, मुख्य विकास अधिकारी


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