उल्टी रोकने का सीरप न हाई ब्लड प्रेशर की टेबलेट, ये है जन औषधि केंद्र की सचाई Agra News
जन औषधि केंद्रों पर नहीं मिल रही सामान्य बीमारियों की दवाएं। डिमांड के बाद खेप आने में ही गुजर जाते दो से तीन महीने।
आगरा, जागरण संवाददाता। दवाओं से इलाज महंगा हो रहा है, ऐसे में जन औषधि केंद्र से भी मरीजों को सस्ती दवा नहीं मिल पा रही हैं। सरकारी अस्पताल से लेकर शहर और देहात में खुले जन औषधि केंद्र पर बहुत कम दवाएं मिल रही हैं।
जन औषधि केंद्र पर 699 तरह की दवाएं उपलब्ध होनी चाहिए। सामान्य बीमारियों से लेकर एंटीबायोटिक, हृदय, मधुमेह, मनोरोग की जेनेरिक दवाएं हैं। मगर, जन औषधि केंद्रों पर 130 से 210 तरह की ही दवाएं मिल रही हैं। बच्चों के लिए उल्टी का सीरप से लेकर हाई ब्लड प्रेशर की टेबलेट भी उपलब्ध नहीं है। एक बार दवा खत्म होने के बाद दो से तीन महीने बाद ही दवाओं की आपूर्ति हो पा रही है।
ये हैं कुछ मामले
केस वन: 60 वर्षीय राधेश्याम शर्मा डॉक्टर द्वारा हाई ब्लड प्रेशर की दवा टेल्मीसार्टन 20 एमजी लेने पहुंचे। रामबाग स्थित जन औषधि केंद्र में जेनेरिक दवा उपलब्ध नहीं थी, इसकी जेनेरिक 10 टेबलेट की स्टिप नौ रुपये की है। इसी सॉल्ट की ब्रांडेड की स्टिप 56 से लेकर 70 रुपये तक है।
केस टू: सौरभ शर्मा निवासी ताजगंज जिला अस्पताल स्थित जन औषधि केंद्र पर बच्चे के लिए उल्टी का सीरप ऑनडेनसिट्रोलन लेने पहुंचे। सीरप नहीं मिला, ये 10.80 रुपये का सीरप है। उन्हें ब्रांडेड सीरप खरीदना पड़ा, इसकी कीमत बाजार में 35 से 40 रुपये तक है।
ये दवाएं नहीं मिल रहीं
एंटीबायोटिक एजीथ्रोमाइसिन, एसिडिटी की दवा पेंटापेराजोल, यूरिक एसिड की टेबलेट फेबुसेट, हृदय रोगियों की दवा एसप्रिन, टेल्मीसार्टन, मधुमेह रोग की टेबलेट, इंसुलिन सहित सर्जिकल आइटम उपलब्ध नहीं हैं।
ये है हाल
- जन औषधि केंद्र पर उपलब्ध होनी चाहिए दवाएं - 699 तरह की दवाएं
- जिले के जन औषधि केंद्र पर उपलब्ध दवाएं - 130 से 210 तरह की दवाएं
लखनऊ से आ रही आपूर्ति की समस्या
जन औषधि केंद्र की दवाओं की लखनऊ से आपूर्ति में समस्या आ रही है, दवाओं की उपलब्धता बढ़ने के लिए औषधि केंद्र संचालकों से कहा जाएगा।
डॉ. मुकेश वत्स, सीएमओ व नोडल अधिकारी जन औषधि केंद्र
क्या कहते हैं लोग
जन औषधि केंद्र पर सस्ती दवाएं हैं लेकिन हृदय और मधुमेह रोग की सभी दवाएं नहीं मिल रही हैं।
अश्वनी अरोरा, जयपुर हाउस
चेहरे पर दाने निकल आए हैं, पर्चे पर ट्यूब लिखा था लेकिन यह औषधि केंद्र पर नहीं मिला है।
आसिफ, मुड़ी चौराहा
बेटे के लिए दवा लेने आए थे, लेकिन दवा नहीं मिली, जिला अस्पताल और केंद्र पर एआरवी भी नहीं है।
दीपक धामी, सेवला
कई बार चक्कर लगाओ तब एक से दो दवा ही मिलती है। जन औषधि केंद्र पर सभी दवाएं नहीं मिल रही हैं।
सुमन, राधेनगर शाहगंज
सरकारी अस्पताल में बढ़ेगी एंटी रैबीज वैक्सीन की उपलब्धता
प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह शनिवार को बलवंत एजूकेशनल सोसायटी की प्रबंध समिति की बैठक में खंदारी स्थित कार्यालय में शामिल हुए। उन्होंने अलग अलग विभागों के सदस्यों के साथ बैठक की। सचिव अम्बरीश पाल सहित प्रबंध समिति की सदस्य मौजूद रहे। उन्होंने पत्रकारों द्वारा जिला अस्पताल में कुत्ता और बंदर काटने पर लगाए जाने वाले एंटी रैबीज वैक्सीन (एआरवी) खत्म होने के सवाल पर कहा कि एआरवी की उपलब्धता बढ़ाई जा रही है। सीएमओ से सीएचसी और जिला अस्पताल में एआरवी की उपलब्धता की रिपोर्ट मांगी गई है। जहां एआरवी उपलब्ध नहीं है, वहां अतिरिक्त स्टॉक भेजा जाएगा। जन औषधि केंद्र पर दवाएं ना मिलने के सवाल पर कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ये केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। पिछले दिनों बैठक हुई थी, अब राज्य सरकार की भी जिम्मेदारी तय की गई है। इससे आने वाले समय में जन औषधि केंद्र पर जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता बढ़ेगी और मरीजों को सस्ती दवा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में डॉक्टर ब्रांडेड और बाजार की दवाएं लिखेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।