नारी की शक्ति का प्रतिरूप है पहली Super Woman Priya Shakti, दुनियाभर में किया जा रहा पसंद Agra News
कॉमिक सीरीज के लेखक स्केच आर्टिस्ट ने शीरोज कैफे में की कार्यशाला। कॉमिक सीरीज को मिला यूएस दूतावास का सहयोग। 26 मिलियन से ज्यादा है व्यूअर्स।
आगरा, जागरण संवाददाता। सात साल पहले हुए निर्भया कांड ने देश को ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सबको हिला कर रख दिया था। यूके में रहने वाले राम देवीनेनी ने इस घटना को आधार बना कर भारत की पहली सुपर वूमेन प्रिया शक्ति का किरदार गढ़ा। 2014 में पहली कॉमिक सीरीज लिखी और उसके बाद दो और लिख चुके हैं। इन सीरीज के अब तक 26 मिलियन व्यूअर्स और पांच लाख डाउनलोड हो चुके हैं। प्रिया शक्ति के किरदार को यूएन महिलाओं द्वारा जेंडर इक्वेलिटी चैंपियन चुना गया है। अपने आप कार्यक्रम से जुडऩे के बाद इसे यूएस दूतावास से सहयोग भी मिला है।
शीरोज में हुई कार्यशाला
शनिवार को शीरोज कैफे में इस कॉमिक सीरीज के लेखक और स्केच आर्टिस्ट ने एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में हर वर्ग के लोगों से कार्टून के माध्यम से अपनी बात कहने को कहा गया।
क्या है यह कॉमिक सीरीज
कॉमिक सीरीज के लेखक राम देवीनेनी बताते हैं कि इस सीरीज में एक महिला को सुपर वूमेन के रूप में दिखाया गया है। इसका नाम प्रिया शक्ति है। यह किरदार अलग-अलग मुद्दों पर महिलाओं और युवतियों की मदद करती है। इस सीरीज की किताब भी है और इसे ऑनलाइन भी पढ़ा जा सकता है।
ऑगमेंटेड बनाती है इसे खास
इस सीरीज की खास बात यह है कि इसे एक एप आर्टवीवी के माध्यम से थ्रीडी रूप में भी देखा जा सकता है। इस तकनीक को ऑगमेंटेड कहा जाता है। किताब पर अपने मोबाइल कैमरे को रखना होता है, एप के माध्यम से हर किरदार के पीछे की कहानी मोबाइल पर आ जाती है।
टीनएजर्स है टार्गेट ग्रुप
किशोर आम तौर पर किताबें नहीं पढ़ते हैं लेकिन कॉमिक्स जरूर देख लेते हैं। इसलिए इस किरदार को कॉमिक सीरीज के रूप में दिखाया गया है।
तीन सीरीज के अलग मुद्दे
हर सीरीज में अलग मुद्दे उठाए गए हैं। पहली सीरीज में रेप सर्वाइवर मुद्दा था, दूसरी में एसिड अटैक सर्वाइवर और तीसरी सीरीज में सेक्स ट्रैफिकिंग को विषय बनाया गया है।
मुंबई और कोलकाता में की रिसर्च
इस कॉमिक सीरीज को लिखने के लिए लेखक राम ने कोलकाता के सोनागाछी और सह लेखक दीप्ति मेहता ने मुंबई के रेड लाइट एरिया में दो साल रिसर्च की।
समाज साथ नहीं देता
इस कॉमिक सीरीज में अपने स्केच के जरिए कहानी कहने वाले यूके के सिड फिनी और उनमें रंग भरने वाली नेडा कोजेमीफेर बलात्कार पीडि़तों के लिए चिंतित हैं। वे कहते हैं कि भारत में बलात्कार पीडि़त को समाज ही नहीं अपनाता तो वो कैसे खुद को दोबारा खड़ा करेगी।