कालेज के छात्रों को मिलेगा प्रश्नपत्र का नया प्रारूप
बोर्ड आफ स्टडीज की बैठकें रही निरर्थक प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों से पूछे जाएंगे 10 प्रश्न
आगरा,जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम कटौती के लिए हुई बोर्ड आफ स्टडीज की बैठकें निरर्थक साबित हुईं। तय किया गया है कि कालेज के छात्रों को प्रश्न पत्र का नया और आसान प्रारूप मिलेगा। वहीं, आवासीय परिसर में विभागों में संशोधित पाठ्यक्रम के अनुसार ही शिक्षण कार्य होगा।
पिछले साल दिसंबर माह के अंत तक पाठ्यक्रम में कटौती के लिए विश्वविद्यालय द्वारा बोर्ड आफ स्टडीज की बैठकें आयोजित की गई। इन बैठकों में शिक्षकों की कार्यप्रणाली से कुलपति प्रो. अशोक मित्तल संतुष्ट नहीं थे। कुलपति का कहना था कि कटौती के नाम पर शिक्षकों ने पूरी यूनिट ही गायब कर दी है। कुलपति ने प्रश्न पत्र के प्रारूप को ही सरल बनाने पर विचार करने की बात कही। 18 को विद्या परिषद की बैठक में प्रश्न पत्र के नए प्रारूप का प्रस्ताव रखा जाएगा। इस प्रस्ताव में प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रश्नपत्र में 10 प्रश्न पूछे जाएंगे, जिसमें से उन्हें छह या सात प्रश्न हल करने होंगे। इसका प्रश्नपत्र में पुराने प्रारूप का प्रभाव होगा यानि बहुविकल्पीय के साथ ही दीर्घ उत्तरीय प्रश्न भी होंगे। अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए बहुविकल्पीय प्रश्नपत्र रखने की योजना है, जिससे उनका परिणाम समय से जारी हो सके। कालेजों में पढ़ने वाले छात्रों को अब पुराने पाठ्यक्रम के अनुसार ही शिक्षण कराया जा रहा है। इस संबंध में निर्देश कुलपति द्वारा दिए जा चुके हैं। आवासीय परिसर में संचालित पाठ्यक्रमों में कटौती के लिए बोर्ड आफ स्टडीज की बैठकें कराने का निर्देश दिए जा चुके हैं। आवासीय परिसर के छात्रों को संशोधित पाठ्यक्रम के अनुसार ही शिक्षण कराया जाएगा।
वर्जन
कोरोना के कारण पहले ही सत्र देरी से शुरू हुआ है, हम नहीं चाहते हैं कि छात्रों का नुकसान हो।प्रश्नपत्र आसान तो होंगे ही इसके साथ ही विकल्प भी दिए जाएंगे। विद्या परिषद की बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
- प्रो. अशोक मित्तल, कुलपति