पीएम से पहले आगरा पहुंचे सीएम, नौ को होने वाली जनसभा की तैयारियों का कर रहे निरीक्षण
प्रधानमंत्री की जनसभा स्थल के निरीक्षण के बाद गंगाजल आपूर्ति भी देखने पहुंचे। अधिकारियों और नेताओं के साथ करेंगे बैठक।
आगरा, जागरण संवाददाता। नौ जनवरी को आगरा में होने जा रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा से पूर्व तैयारियों का निरीक्षण करने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। दोपहर करीब तीन बजे खेरिया हवाई अड्डा पहुंचने के बाद सीएम सीधे कोठी मीना बाजार पहुंचे। यहां होने वाली प्रधानमंत्री की जनसभा का निरीक्षण किया। मंचीय एवं लोगों के बैठने की व्यवस्था के साथ सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। करीब आठ मिनट सभा स्थल का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री सिकंदरा स्थित वाटरवक्र्स गंगाजल की आपूर्ति देखने पहुंचे। यहां से रवानगी के बाद कमिश्नरी में अधिकारियों और सर्किट हाउस में पार्टी के नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
सीएम साहब, शहर की मांग पूरी कीजिए
स्मार्ट सिटी के कार्य हों या शहर की सफाई व्यवस्था। सिविल एंक्लेव या फिर बैराज। सीएम साहब की मेहरबानी से इनकी रफ्तार तेज हो सकती है। इससे शहर का विकास होगा। वहीं लपकों पर अंकुश लगाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यह अलग बात है कि कई बार सीएम इसके आदेश दे चुके हैं।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
शहर को एक हजार करोड़ से स्मार्ट तरीके से विकसित किया जा रहा है। विकास कार्यों की रफ्तार धीमी गति से चल रही है।
वेस्ट टू एनर्जी प्लांट
कुबेरपुर स्थित खत्ताघर में निजी कंपनी द्वारा 400 करोड़ की लागत से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाया जाएगा। 500 मीट्रिक टन कूड़े से हर दिन 10 मेगावाट बिजली पैदा होगी। ताज ट्रेपेजियम जोन अथारिटी से अभी तक प्लांट को लगाने की अनुमति नहीं मिली है। इससे यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया है।
मेट्रो रेल
शहर में 2022 तक मेट्रो का संचालन प्रस्तावित है। आधा दर्जन बार डीपीआर बदल चुकी है। अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
टॉय ट्रेन का संचालन
शहर में टॉय ट्रेन का संचालन प्रस्तावित है। इसके लिए सूर सरोवर पक्षी विहार और ताज नेचर वाक को चिन्हित किया गया था, लेकिन शासन से अभी तक अनुमति नहीं मिल सकी है।
थीम पार्क
रहनकलां, एत्मादपुर में एक हजार हेक्टेअर जमीन पर थीम पार्क विकसित होना था, लेकिन बड़ी संख्या में जमीन ऐसी है। जिसका अवॉर्ड नहीं हुआ है। किसानों को मुआवजा नहीं मिला है।
गंगाजल प्रोजेक्ट
शहर में गंगाजल पहुंच चुका है, लेकिन अभी तक इसकी आपूर्ति शुरू नहीं हुई है। वहीं अधिकांश पाइप लाइनें जर्जर हैं। इससे जलापूर्ति में दिक्कत आएगी।
सफाई व्यवस्था
शहर की सफाई व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है। केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री केजे अल्फोंस शहर को स्लम बता चुके हैं। झाड़ू लगाने और कूड़ा उठाने में लापरवाही बरती जा रही है।
अतिक्रमण की मार
एमजी रोड हो या फिर फतेहाबाद रोड। हर रोड पर अतिक्रमण है। पुलिस-प्रशासन और नगर निगम द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
जाम की समस्या
शहर में जाम की समस्या विकराल है। हर दिन एमजी रोड व नेशनल हाईवे के विभिन्न चौराहों पर जाम लगता है।
नहीं रुकी पॉलीथिन की बिक्री
प्रदेश सरकार ने 15 अगस्त से 50 माइक्रॉन से कम की पॉलीथिन की बिक्री पर रोक लगा दी है, लेकिन ये आदेश कागजों तक ही सीमित है। यही हाल प्लास्टिक और थर्मोकोल के सामान का भी है।
अवैध निर्माण पर नहीं अंकुश
शहर में दिनों दिन अवैध निर्माणों की संख्या बढ़ रही है। यह संख्या दस हजार से अधिक पहुंच चुकी है। अवैध निर्माण को रोकने में एडीए नाकाम साबित हो रहा है।
बंदर व बेसहारा जानवर बने सिरदर्द
शहर में बंदर व बेसहारा जानवर लोगों के लिए सिरदर्द बन गए हैं। आए दिन बंदर लोगों पर हमला बोल रहे हैं। लोगों को घायल कर रहे हैं।
बैराज
ताज बैराज पर अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। प्रस्ताव बना है, लेकिन वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अभी तक अनुमति नहीं मिली है।
लेदर पार्क
किरावली में लेदर पार्क प्रस्तावित है। कई सालों से मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
स्ट्रीट कैफे
छावनी परिषद द्वारा स्ट्रीट कैफे पर विवाद खड़ा कर दिया गया है। विवाद जमीन को लेकर है।
मुगल म्यूजियम
दिसंबर 2018 तक मुगल म्यूजियम का काम पूरा होना था, लेकिन राजकीय निर्माण निगम को अभी तक जमीन उपलब्ध नहीं हो सकी है।
सिविल एंक्लेव
जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है। सिर्फ पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति मिलना बाकी है।
बटेश्वर का नहीं हुआ विकास
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के बटेश्वर गांव का अभी तक विकास नहीं हुआ है। जो भी प्रस्ताव हैं, वे फाइलों में कैद होकर रह गए हैं।
शिकायतों का नहीं हो रहा निस्तारण
संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायतों का निस्तारण ठीक तरीके से नहीं हो रहा है। इससे फरियादियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
तहसीलों में नहीं रहते अफसर
आगरा में छह तहसील हैं। पांच तहसीलों में पुलिस-प्रशासन के अफसर रात्रिकालीन निवास नहीं करते हैं।