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Ambedkar University Agra: विश्वविद्यालय के संस्कृति भवन के अवैध निर्माण की शिकायत पहुंची राजभवन

Ambedkar University Agraसिविल सोसायटी आफ आगरा ने लिखा पत्र। विश्वविद्यालय के निर्माण और नियुक्तियों की जांच की उठाई मांग। सोसायटी की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के लागू हो जाने के बाद इसकी सेवाओं का विस्तार होना चाहिए था पर कार्य क्षेत्र का संकुचन हुआ।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 04:45 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 04:45 PM (IST)
सिविल सोसायटी आफ आगरा ने लिखा पत्र।

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय द्वारा सिविल लाइंस में बनाए गए संस्कृति भवन का नक्शा निरस्त होने के बाद भी निर्माण की शिकायत राजभवन में कर दी गई है।सिविल सोसायटी आफ आगरा ने पत्र में संस्कृति भवन के अवैध निर्माण से लेकर समय से डिग्री या अंकतालिका, नियुक्तियों और निर्माण तक की शासन से जांच कराने की मांग की है।

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सोसायटी की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के लागू हो जाने के बाद इसकी सेवाओं का विस्तार होना चाहिए था, पर विश्वविद्यालय में कार्य क्षेत्र का संकुचन हुआ है। शैक्षणिक संकायों में भी कमी आयी है।सोसायटी ने कुलपति से 2015 से लेकर 2020 तक की अवधि के काम काज की उप्र शासन से खुली जांच की मांग की है। विश्वविद्यालय में निर्माण, नियुक्तियों , प्रोन्नतियां और सेवा कर्मियों के प्रोवीडेंड फंड के प्रबंधन को लेकर जो घपले हुए हैं उनमें संलिप्तों के विरुद्ध कार्यवाही हो सके तथा शिक्षा परिसर भ्रष्टाचार मुक्त हो सके।बैठक में संस्कृति भवन का मुद्दा भी उठाया गया।वक्ताओं ने कहा कि जिस भवन का नक्शा निरस्त हो चुका है, वहां निर्माण कैसे हो सकता है।उसके निर्माण पर एक प्रतिशत की दर से निर्माण पर खर्च किये गए 145 करोड़ के अनुपात में श्रम विभाग को उपकर जमा करवाना था। अब इस उपकर को संग्रहित करने के लिये उत्तर प्रदेश भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की तरफ से नोटिस जारी किया गया है।सोसायटी ने इसकी जानकारी राजभवन में भेजी है।यही नहीं, विश्वविद्यालय में कर्मचारियों के काटे जा रहे जीपीएफ में बरती जा रही अनियमितता को दुरुस्त और उसकी स्थिति को सार्वजनिक करने की मांग भी सोसायटी द्वारा उठाई गई है।


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