कहीं आपका बच्चा भी तो नहीं खा रहा टॉफी के नाम पर जहर
केमिकल का साइड इफेक्ट नहीं झेल पाएगी बच्चों की नाजुक त्वचा, संतरे का रंग देने को मिलाई पानी की लीकेज रोकने वाली डाई
आगरा (विनीत मिश्रा): मुस्कान ब्रांड के रंगीन रैपर में लिपटी संतरे की टॉॅफी में कैंसर का कलर मिलाया जा रहा था। बस्तियों और गांवों में बिकने वाली ये टॉफी खाने वाले बच्चों के चेहरे पर मुस्कान बिखरती हो, मगर ये टॉफी न केवल उनकी नाजुक त्वचा के लिए बहुत घातक साबित होगी, बल्कि कैंसर का वायरस भी धीरे-धीरे उन्हें अपने शिकंजे में कस लेगा। मुस्कान ब्रांड की टॉॅफी के परीक्षण में तो ऐसे ही चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं।
बीते दिनों खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की टीम ने नाई की मंडी स्थित जेपी कन्फेक्शनरी से मुस्कान ब्रांड की संतरे की टॉफी का नमूना लिया था। परीक्षण के दौरान कई ऐसे तथ्य सामने आए, जो इस खाद्य सामग्री के लिए कानूनन जरूरी थे। मसलन, रैपर में निर्माता का पता नहीं लिखा था। इस्तेमाल की मियाद इतने महीन अक्षरों में थी कि सामान्य रूप में पढ़ा नहीं जा सकता है। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि टॉफी में संतरे का रंग लाने के लिए रोडामाइन बी नामक केमिकल (डाई) का प्रयोग पाया गया।
आंबेडकर विवि के प्रोफेसर (रसायन) डॉ. अजय तनेजा बताते हैं कि इस तरह की टॉफी के लगातार सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। बाजार में डाई को कलर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। ये डाई पानी का लीकेज पता करने में भी इस्तेमाल की जाती है। फूड में कतई इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
क्या कहते हैं चिकित्सक
ऐसी टॉफी खाने से बच्चों मेें बीमारी हो रही हैं। उनमें त्वचा रोग की समस्या सामने आ रही है। बच्चों को ऐसी टॉफी के सेवन से बचाना चाहिए।
डॉ. नीरज यादव, बाल रोग विशेषज्ञ, एसएन मेडिकल कॉलेज।
छापामार कार्रवाई
283 छापे अप्रैल से अब तक मारे गए।
323 नमूने विभिन्न खाद्य सामग्र्री के लिए गए।
235 की नमूनों की जांच रिपोर्ट अब तक आई।
100 नमूने जांच में अधोमानक मिले।
21 नमूने जांच में खाने योग्य नहीं पाए गए।