आगरा में छठ पूजा के दौरान यमुना किनारों पर गूंजे गीत
भगवान सूर्यदेव की आराधना का महापर्व छठ पूजा श्रद्धा, आस्था के साथ मनाया गया, व्रतियों ने अर्घ्य देकर बेटों की लंबी उम्र की कामना की
आगरा (जागरण संवाददाता): घाटों और घरों पर पूर्वाचल संस्कृति की मिठास छठ मैया के गीतों में झलकी। केलवा के पात पर उगेले सूरुज देव झाकें-झोकें, सूरुज देव देबेलन आशिष्वा झाकें-झोकें.., छोड़ नोकरी के जल्दी घरवा आई ए बलमु जी, छठ घाटे केकरा संगे हम जाईम ए बलमु जी.., पेन्हिना बलमु जी पियरिया दउरा घाटे पहुचाव, बनिना देवर जी कहरिया वहंगी घाटे पहुचाव.., सुनि-सुनि बबुआ के पापा जी सुनि ना स्वामी जी हमार, नइखे घर में अन्न धन लक्ष्मी कइसे करम छ एतवार.. आदि गीत गूंजते रहे। आज दिया जाएगा उगते सूर्य को अर्घ्य
बुधवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। सूर्योदय से पूर्व ही व्रती महिलाएं पीतल के लोटे में जल भरकर उसके ऊपर मिट्टी का जलता हुआ दीपक रखकर मंगल गीत गाते हुए घाटों पर पहुंचती हैं। जल में खड़े होकर वो सूर्य देव के उगने की प्रतीक्षा करती हैं। उगते हुए सूर्य को गाय के कच्चे दूध से अर्घ्य दिया जाता है। सूर्य देव, छठ मैया से मनोकामना पूर्ति को प्रार्थना की जाती है। इसके बाद घाट पर मौजूद लोगों को गागल, संतरा, सुथनी, गन्ना, सकरकंदी, ठेकुआ का प्रसाद वितरित किया जाएगा। व्रती अपना व्रत खोलेंगे। छठ मैया से अगले वर्ष जल्दी आने की प्रार्थना की जाएगी। बल्केश्वर घाट पर हुई यमुना मैया की आरती
पूर्वाचल सांस्कृतिक सेवा समिति द्वारा बल्केश्वर घाट पर छठ पूजा के साथ यमुना मैया की आरती की गई। ढोल-नगाड़ों, शंख ध्वनि के बीच श्रद्धालुओं ने यमुना मैया की आरती की। घाट पर आकर्षक सजावट की गई थी। पार्षद अमित ग्वाला,ओमप्रकाश गुप्ता, अखिलेश सिंह, अशोक यादव, आरपी राय, सतेंद्र आदि ने व्यवस्थाएं संभाली।
छठ पर्व नारी शक्ति के सम्मान का प्रतीक है। सभी लोग मिल-जुल कर एक साथ व्रत धारण करते हैं। छठ मैया से पुत्रों की लंबी उम्र की कामना करते हैं।
नीलम गौतम
छठ पर्व सुख, समृद्धि, स्वच्छता एवं ईमानदारी से किए जाने वाले काम का प्रतीक है। मेहनत एवं ईमानदारी से किया कार्य कभी निष्प्रभावी नहीं होता है।
मीरा देवी
छठ मैया का व्रत कठिन होता है। यह समाज में मेहनत के मीठे फल को दर्शाता है। बिना छठ मैया के आशीर्वाद के यह व्रत पूर्ण रूप से नहीं हो सकता।
मीना गुप्ता