सुरक्षित पनहगाह में पहुंचे 'मेहमान', बढ़ा रहे चंबल सेंचुरी की शान Agra News
यह है पक्षियों के लिए सुरक्षित घरौंदा बहुतायत में यहां हैैं सारस। भारत में दिखने वाली 1300 प्रजातियों में से 186 से अधिक हैैं पक्षी।
आगरा, जेएनएन। शहरीकरण की बढ़ती रफ्तार और पक्षियों के अस्तित्व को संकट से बचाने के लिए चंबल सेंचुरी पक्षियों के लिए सुरक्षित घरौंदा बना हुआ है। अन्य राज्यों में तेजी से विलुप्त हो रहे राजकीय पक्षी सारस की संख्या तो यहां बहुतायत में है। इसके अलावा विदेशी मेहमान पक्षी भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैैं। सर्दी के मौसम में चंबल सेंचुरी मेहमान पक्षियों के अलावा भारत में पाए जाने वाले पक्षियों से गुलजार हो रही है।
पिछले तीन दशक से औद्योगीकरण और शहरीकरण के चलते जंगल सिमटते जा रहे हैं। इससे पक्षियों के प्राकृतिक आवास नष्ट हुए हैं। इसके बावजूद भारत में पाए जाने वाली 1300 प्रजातियों में से चंबल सेंचुरी में 186 से अधिक प्रजाति के पक्षी अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए रहते हैं। इसके अलावा हर साल विदेशी मेहमान पक्षी सर्दी के मौसम में यहां का रुख करते है। विलुप्त प्राय: इंडियन स्किमर और ब्लैक वैली टर्न तो चंबल में ही दिखाई देते हैं।
पहुंचने लगे प्रवासी पक्षी
चंबल सेंचुरी में मंगोलिया, साइबेरिया, कजाकिस्तान, दक्षिण एशिया, अफ्रीका आदि देशों के बार हैडेड गूज, स्पून बिल, ग्रेटर फ्लेमिंगों, ओपन बिल स्टार्क आदि प्रजातियों के पक्षियों के पहुंचने से चंबल सेंचुरी गुलजार हो रही है। पेलीकन, इंडियन स्किमर, फ्लेमिंगों के आने के बाद चंबल सेंचुरी का नजारा कुछ अलग ही होगा ।
भोजन की वजह से भी आते हैैं इधर
विदेशी मेहमान पक्षियों का चंबल सेंचुरी में आने का प्रमुख कारण वहां पर भोजन की कमी होना भी है। इसके साथ ही स्वच्छ व सुरक्षित वातावरण इनको यहां तक ले आता है।
भोजन- पानी है अनुकूल
चंबल सेंचुरी का वातावरण, शिकार की तादाद व चंबल नदी का स्वच्छ पानी पक्षियों के लिए अनुकूल होता है। इस कारण यहां पर देश व विदेश के पक्षी आते हैं।
-सतेंद्र शर्मा, जीव जंतु विशेषज्ञ