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सपा सम्मेलन : राजनीतिक-आर्थिक प्रस्ताव में केंद्र की नीतियां खारिज

सपा सम्मेलन में आर्थिक-राजनीतिक प्रस्ताव में केंद्र सरकार निशाने पर रही। रामगोपाल ने जीएसटी, नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक और विदेश नीति पर सवाल खड़े किए।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 05 Oct 2017 08:57 PM (IST)Updated: Thu, 05 Oct 2017 10:42 PM (IST)
सपा सम्मेलन : राजनीतिक-आर्थिक प्रस्ताव में केंद्र की नीतियां खारिज

आगरा (जेएनएन)। सपा के राष्ट्रीय सम्मेलन में आर्थिक-राजनीतिक प्रस्ताव में केंद्र की भाजपा सरकार निशाने पर रही। प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल ने जीएसटी, नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक और विदेश नीति पर सवाल खड़े किए। भाजपा को झूठ का सहारा लेकर उन्माद फैलाने वाली पार्टी बताया।

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सपा के 10वें राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रो. रामगोपाल यादव ने आर्थिक-राजनीतिक प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए 2014 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता हासिल करने के लिए दल को देश से बड़ा समझने लगी है। इतना ही नहीं, दूसरे दल के नेताओं को तोडऩे के लिए सीबीआइ  का खौफ दिखाया जा रहा है।

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उन्होंने केंद्र सरकार की विदेश नीति पर भी सवाल उठाए। बीएचयू में हुई घटना की उन्होंने निंदा की। उन्होंने घटना में कुलपति को दोषी बताते हुए उनके तइस्तीफे की मांग की। उन्होंने राजनीतिक-आर्थिक प्रस्ताव में सर्जिकल स्ट्राइक पर भी सवाल खड़े किए गए। कहा कि भाजपा ने सर्जिकल स्ट्राइक का बहुत प्रचार किया, जबकि हकीकत ये है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद आतंकी हमले बढ़े हैं। नक्सलवाद को उन्होंने आतंकवाद से भी ज्यादा खतरनाक बताया।

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रोजगार देने का वायदा भी फेल हुआ

भाजपा ने 2014 में दो करोड़ रोजगार देने का वायदा किया था, लेकिन पिछले तीन साल में रोजगार घटे हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति निराशाजनक है। कर्ज माफी के नाम पर किसानों के साथ मजाक हुआ है। बुलेट ट्रेन पर तंज कसते हुए रामगोपाल ने कहा कि मोदी सरकार जापान के झांसे में आकर इस परियोजना पर अपना धन और संसाधन बर्बाद कर रही है।  


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