हाथों में तिरंगा और लबों पर गणपति बप्पा मोरया, सड़कें हुई गुलाल से रंगीन
आगरा शहर डूबा गणेश उत्सव के अंतिम दिन उल्लास में। प्रतिमाओं का हो रहा यमुना के विभिन्न घाटों पर बने कुंडों में विसर्जन। लोगों ने ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा को किया घर में टब और गमलों में ही विसर्जित।
आगरा: गणपति बप्पा अपने गांव चले, कैसे दिल को फिर चैन मिले, मोरया रे बप्पा मोरया रे...दस दिन की सेवा, भक्ति की मंगल मेवा और ग्यारहवें दिन भक्ति और सेवा का अनूठा संगम। वातावरण में गणपति बप्पा मोरया की गूंज और अबीर गुलाल की सुगंध। सड़कें रंगीन, अपने बप्पा की विदाई पर आंखें भी गमगीन लेकिन अगले बरस फिर सेवा और भक्ति के दिनों के आने का मन में यकीन।
अनंत चतुर्दशी पर गणपति उत्सव का समापन करते हुए लोग सुबह से ही अपने गणेशा का विसर्जन करने निकले हैं। यमुना के विभिन्न घाटों का नजारा महाराष्ट्र के समुंद्र किनारे जैसा प्रतीत हो रहा है। यूं तो गजानन का वाहन मूषक है लेकिन सड़कों पर लगी वाहनों की कतारों में अधिकांशत: बप्पा की सवारियां ही दिखाई पड़ती हैं। हर तरफ गुलाल की बारिश और प्रसाद का वितरण, जैसे आस्था की बयार से हर दिशा सराबोर हो रही है। भगवा और रंग बिरंगे झंडों से सजे वाहनों के झुंड में से कई वाहनों पर सजा तिरंगा धार्मिक आस्था के साथ देश प्रेम का भी संदेश देता हुआ दिखाई दिया।
ईको फ्रेंडली गणेशा का घर में ही विसर्जन
मैली होती यमुना की फिक्र करते हुए बहुत से लोगों ने प्रतिमा विसर्जन की परंपरा को अनूठा तरीके से पूरा किया। घरों में टब रखकर प्रतिमा का विसर्जन किया गया तो बहुत से लोगों ने मिट्टी की प्रतिमाओं का विसर्जन घर के बगीचे में रखे गमलों में करना बेहतर समझा। लोगों नये गमले लेकर उसमें गोबर की खाद, मिट्टी और गंगाजल डालकर गणपति की प्रतिमा का विसर्जन करते हुए परंपरा का निर्वाहन किया।
यमुना घाटों पर खोदे गए कुंड
गणपति विसर्जन के लिए यमुना किनारे घाटों पर कुंड तैयार कर दिए गए हैं। नदी में विसर्जन पर हाईकोर्ट की रोक के चलते इन कुंडों में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन रविवार और सोमवार को किया जाएगा।
हाथीघाट पर उमडऩे वाली भीड़ को देखते हुए इस बार प्रशासन ने यहां तीन कुंड बनवाए हैं। पिछले वर्ष तक यहां दो ही कुंड बनते थे। इनमें जल संस्थान की पाइप लाइन से पानी भरकर विसर्जन की व्यवस्था की गई है। बल्केश्वर, दशहरा घाट, कैलाश मंदिर और पोइया घाट पर भी कुंड तैयार कराए गए हैं।
घाटों पर चौकसी, रूट है डायवर्ट
गणेश प्रतिमा विसर्जन को लेकर पुलिस प्रशासन ने पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए हैं। प्रतिमा विसर्जन केवल यमुना किनारे बने कुंडों में ही किया जाना है, इसके बाद बावजूद घाटों पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। यमुना किनारे रविवार और सोमवार को सुबह छह बजे से शाम को प्रतिमा विसर्जन होने तक वाहनों की नो एंट्री है। यहां श्रद्धालुओं की भीड़ रहेगी। इसको देखते हुए रूट में भी पुलिस फोर्स की ड्यूटी लगाई गई है।
यमुना किनारा रोड पर वाहनों की नो एंट्री
- वाटरवक्र्स चौराहा से यमुना किनारा होते हुए शमशान घाट चौराहे तक सभी प्रकार के भारी और हल्के वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है।
- यमुना एक्सप्रेस वे से आने वाले वाहन, जिनको फतेहाबाद रोड, ताजमहल, ग्वालियर जाना है, उन्हें ङ्क्षरग रोड से होते हुए निकाला जा रहा है।
- आंबेडकर पुल से एत्माद्दौला साइड से कोई भी व्यावसायिक वाहन बेलनगंज या यमुना किनारे होते हुए नहीं जाने दिए जा रहे।
- बेलनगंज, सीओ छत्ता ऑफिस से यमुना किनारे सड़क पर कोई भी व्यावसायिक हल्के और भारी वाहनों के जाने पर रोक है।
- बिजली घर चौराहे से कोई भी रोडवेज बस, टूरिस्ट बस या व्यावसायिक वाहन आगरा फोर्ट से हाथीघाट की ओर नहीं जाने दी जा रही।
- विक्टोरिया पार्क से कोई भी भारी वाहन बस, ट्रैक्टर और डीसीएम यमुना किनारे जाने पर रोक है।
- यमुना किनारे रोड पर हाथी घाट पर गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन के समय सभी प्रकार के वाहन प्रतिबंधित हैं।
- हाथी घाट रेलवे पुल पर फोर्ट की तरफ बैरियर लगाकर प्रतिमाओं को लाइन वाले वाहनों को ही प्रवेश दिया जा रहा है। शेष वाहनों को शमशान घाट की तरफ डायवर्ट कर दिया गया है।
- स्ट्रैची ब्रिज रेलवे पुल एत्माद्दौला की तरफ से वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है।
- यमुना किनारे से डायवर्ट किए गए सरकारी सवारी वाहन एमजी रोड रिंग रोड से आ जा रहे हैं।