हर गली हुई यहां वासंती, जानिये दयालबाग और वसंत पंचमी का क्या है नाता
1861 में वसंत पंचमी को हुई थी राधास्वामी मत की शुरुआत। तीन माह पहले से हो जाती हैं यहां तैयारियां आरंभ।
आगरा, गौरव भारद्वाज। वसंत ऋतु...हर मन को आकर्षित करने वाली ऋतु। सभी ऋतुओं में राजा जिस मास को कहा जाता है वो मधुमास प्राकृतिक लावण्यता के साथ अध्यात्म की गहराई से भी जुड़ा है। सनातन धर्म में जिस मास को सीधे तौर पर मां सरस्वती, शिव पार्वती विवाह आदि से जोड़ा जाता है वहीं राधास्वामी मत के लिए भी वसंत पंचमी विशेष महत्व रखती है।
इसी दिन राधास्वामी मत की शुरुआत हुई और इसी दिन दयालबाग की नींव रखी गई थी। 1861 में वसंत पंचमी के दिन हुज़ूर स्वामीजी महाराज ने सबसे पहले सत्संग प्रारम्भ किया था। इसी दिन राधास्वामी मत उद्घाटित हुआ। यह मत निरन्तर प्रगति करते हुए वसंत पंचमी को अपने 158 वर्ष पूर्ण कर रहा है। वसंत के ही दिन 20 जनवरी 1915 को राधास्वामी मत के पांचवें आचार्य हुजूर साहब जी महाराज ने 'मुबारक कुएं' के निकट शहतूत के वृक्ष का रोपण कर कॉलोनी की नींव रखी थी तथा इसका नाम 'दयालबाग' रखा था।
अलग है मुबारक कुएं का महत्व
दयालबाग़ में 'मुबारक कुएं' का अपना महत्व व इतिहास है। स्वामीजी महाराज वहां सुबह घूमने आया करते थे। दातौन करने के बाद वह इसी कुएं का जल प्रयोग करते थे। राधास्वामी मत के द्वितीय आचार्य (सन्त सतगुरु) कुएं से पानी खींचकर हुजूर स्वामीजी महाराज की सेवा में पेश करते थे। उस समय कुएं के आस-पास ऊंचे-ऊंचे टीले और कंटीली झाडिय़ां थी। इस परिसर में 'मुबारक कुआं' और 'शहतूत का पेड़' आज भी संरक्षित है।
पीत रंग में सजाने के लिए शुरू हो जाती हैं महीनों पहले तैयारियां
वसंतोत्सव में दयालबाग को पीले रंग से सजाया जाता है। हर कूचा, हर गली बस पीत रंग से सजी होती है। इस सजावट के लिए तैयारियां एक- दो दिन पहले नहीं, बल्कि तीन से चार महीने पहले शुरू हो जाती हैं। वसंत पर घरों के बाहर क्यारी और गमलों में पीले फूल लहलहाएं, इसलिए तीन महीने पहले नए पौधे रोपे जाते हैं।
इस वक्त यदि दयालबाग की राधानगर कॉलोनी में प्रवेश किया जाए तो पीत रंग से सजा सुनहरा आंगन आपका स्वागत करेगा। हर ओर पीले-पीले फूल। ऐसा कोई घर नहीं, जिसके बाहर फूल न खिल रहे हों। कॉलोनी की सरपंच आनंद सिन्हा ने बताया कि वसंत के लिए तीन महीने पहले तैयारी की जाती है। क्या सजावट होगी, कैसे सजाया जाएगा, इस पर सभी लोगों से चर्चा होती है। पूरी कॉलोनी में फूलों के पौधे लगाए जाते हैं, जो वसंत में खिल जाएं।
स्थानीय निवासी मनीष वर्मा ने बताया कि पूरी कॉलोनी एक जैसी दिखाई दे, इस पर खासी मेहनत की जाती है। घरों की सजावट के साथ दीवारों को भी आकर्षक तरीके से सजाया जाता है।
यह फूल लगाए गए
राधा नगर में वसंत के लिए सबसे ज्यादा गेंदा का फूल लगाया गया। इसके साथ सूर्यमुखी, पेंसी, पिटूनिया के फूल लगाए गए हैं।
उत्सव में आएंगे हजारों लोग, देश विदेश में होगा लाइव टेलीकास्ट
वसंतोत्सव में देश-विदेश से हजारों लोग दयालबाग आएंगे। जो लोग नहीं आ पाएंगे, वह वसंतोत्सव का सजीव प्रसारण देख सकेंगे।
दयालबाग में वसंतोत्सव में हर साल करीब 20 हजार लोग बाहर से आते हैं। इस बार भी ऐसी ही संभावना जताई जा रही है। सत्संग सभा की देश-विदेश में चल रही 424 ब्रांच हैं। हर ब्रांच से लोग यहां आते हैं। जो लोग नहीं आ पाते उनके लिए ब्रांच में यहां से लाइव टेलीकास्ट किया जाता है। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
इन देशों से आएंगे अनुयायी
वसंतोत्सव में देश के कोने-कोने से अनुयायी आएंगे। इसके साथ अमेरिका, आस्ट्रेलिया, दुबई, सिंगापुर, कनाडा, जर्मनी, यूके सहित सभी सत्संग ब्रांच से लोग आएंगे। कुछ लोग तो आ भी गए हैं। इनके ठहरने का इंतजाम दयालबाग में किया गया है।
भंडारघर में खाने की पूरी व्यवस्था
वसंतोत्सव में आने वाले लोगों के लिए खाने की भी पूरी व्यवस्था होती है। दयालबाग में तीन कैंटीन हैं। इसमें एक महिला कैंटीन है। प्रेम नगर वाली कैंटीन में 24 घंटे नाश्ते का सामान मिलेगा। कैंटीन से मिलने वाले सामान का दाम बेहद कम होता है। चाय - एक रुपये, लड्डू - दो रुपये, इडली - 10 की तीन, पूड़ी एक रुपये की एक, चिड़वा दो रुपये, तेहरी - पांच रुपये में मिलती है।