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आंबेडकर विश्वविद्यालय में धरनारत छात्रों के साथ ये क्या हुआ, पूरा पढि़ए

विवि प्रशासन ने माना सरकारी कार्य में बाधा, मुकदमे में 18 छात्र नामजद

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Dec 2018 08:00 AM (IST)Updated: Mon, 03 Dec 2018 08:00 AM (IST)
आंबेडकर विश्वविद्यालय में धरनारत छात्रों के साथ ये क्या हुआ, पूरा पढि़ए
आंबेडकर विश्वविद्यालय में धरनारत छात्रों के साथ ये क्या हुआ, पूरा पढि़ए

आगरा (जागरण संवाददाता): छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर धरना दे रहे छात्रों पर विवि प्रशासन ने कानूनी शिकंजा कस दिया। विवि की ओर से 18 नामजद सहित 28 छात्रों के खिलाफ सरकार कार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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डॉ. बीआर आंबेडकर विवि में 27 नवंबर से छात्र कुलसचिव कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं। उन्हें पुलिस और प्रशासन ने उठाने के प्रयास किए, लेकिन छात्र नहीं माने। अब शनिवार रात को धरने पर बैठे छात्रों के खिलाफ चीफ प्रोक्टर मनोज श्रीवास्तव ने सरकारी कार्य में बाधा, धमकी देना और स्त्री की लज्जा का अनादर करने के आशय से कार्य करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। इंस्पेक्टर हरीपर्वत महेश चंद्र गौतम का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

छात्र संघ चुनाव न कराने के पीछे विवि के तर्क

विवि प्रशासन की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में छात्र संघ चुनाव न कराने के भी तर्क दिए हैं। इसमें कहा गया है कि 11 दिसंबर से विवि में सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। 25 अक्टूबर को अधिकारी, शिक्षकों और कर्मचारियों पर छात्रों द्वारा प्राणघातक हमला किया जा चुका है। इन परिस्थितियों में छात्र संघ चुनाव कराए जाने की स्तिथि नहीं बन पा रही है।

यह है सरकारी कार्य में बाधा

मुकदमे में विवि प्रशासन ने कहा है कि छात्रों को यह स्पष्ट किया जा चुका है कि केएमआइ के सामने टिन शेड के नीचे का स्थान धरना प्रदर्शन के लिए निश्चित किया जा चुका है। छात्रों द्वारा कुलसचिव कार्यालय के सामने धरना देना नियम विरुद्ध है। जिला प्रशासन और पुलिस ने छात्रों को समझाने का प्रयास किया लेकिन उनका धरना प्रदर्शन जारी है। इस आरोप पर आइपीसी की धारा 353 लगाई गई है।

जान से मारने की धमकी

पोस्टरों पर नारे लिखे हैं कि अगर मांगें नहीं मानी तो सड़कों पर खून बहेगा। इसी पर आइपीसी की धारा 506 लगाई गई है।

अ‌र्द्ध नग्न प्रदर्शन पर लज्जा भंग

छात्रों ने 28 नवंबर को विवि परिसर में अ‌र्द्धनग्न प्रदर्शन किया था। इसे अश्लीलता की श्रेणी में मानते हुए मुकदमे में स्त्री की लज्जा का अनादर करने की श्रेणी में माना है।

ये हुए नामजद

अपूर्व शर्मा, राजन ठाकुर, गौरव यादव, सतीश सिकरवार, अमित प्रताप यादव, बिलाल अहमद, अंकुश गौतम, कप्तान सिंह बघेल, ललित त्यागी, रवि यादव, विवेक गौतम, कृष्णकांत यादव, ऋषभ सिकरवार, सतीश यदुवंशी, अंकित यदुवंशी, मानवेंद्र सिंह, मुनेंद्र सिकरवार, हिमांशु।


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