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Car Theft: हाईटेक चोर के निशाने पर थीं पूर्व मंत्री और उद्यमी की लग्जरी गाड़ी, ये कर रखी थी तैयारी

वर्कशॉप में घुसकर गाड़ियों में जीपीएस लगाकर चाबी तैयार कर ले गया था चोर। अहमदाबाद में पकड़े जाने पर हुई जानकारी अब पुलिस ने निकलवाई जीपीएस। अगर शातिर अहमदाबाद में नहीं पकड़ा जाता तो वह दोनों गाड़ियों को चोरी कर लेता।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 05:24 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 05:52 PM (IST)
Car Theft: हाईटेक चोर के निशाने पर थीं पूर्व मंत्री और उद्यमी की लग्जरी गाड़ी, ये कर रखी थी तैयारी
चोरी की फिराक में कई दिन रुका, लेकिन मौका नहीं मिला तो वह चला गया।

आगरा, जागरण संवाददाता। राजस्थान का हाईटेक चोर अनलॉक के बाद ताजनगरी में आ गया था। वह पूर्वमंत्री और उद्यमी की लग्जरी गाड़ी में जीपीएस यानी ग्लोबल पोजीसनिंग सिस्टम फिट कर उसकी इलेक्ट्राॅनिक चाबी भी तैयार कर ले गया था। चोरी की फिराक में कई दिन रुका, लेकिन मौका नहीं मिला तो वह चला गया। अहमदाबाद में चोर के पकड़े जाने के बाद इसकी जानकारी हुई। पुलिस ने दोनों गाड़ियों से जीपीएस निकलवा दी।

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अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने पिछले दिनों जयपुर के प्रहलाद पुर निवासी सत्येंद्र शेखावत को गिरफ्तार किया था। सत्येंद्र लग्जरी कार चोरी करता था। उससे इलेक्ट्रॉनिक चाबी बनाने वाली एक मशीन और पांच जीपीएस के अलावा अन्य सामान भी बरामद हुआ था। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को पता चला कि चोर ने आगरा, जोधपुर और जैसलमेर में कई कारों में जीपीएस फिट किया था। ये उसके निशाने पर थीं। लगातार गाड़ियों की लोकेशन देख रहा था। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर रनदीप सिंह हुड्डा ने बताया कि उन्होंने संबंधित स्थानों की पुलिस को सूचना दे दी। गाड़ियों की जीपीएस लोकेशन भी वाट्सएप पर भेज दी। आगरा में जिन दो गाड़ियों में जीपीएस लगाई गई थी, उनमें से एक गाड़ी पूर्व मंत्री की थी। जबकि दूसरी एक उद्यमी की थी। पुलिस ने दोनों गाड़ियों से जीपीएस हटवा दी। अगर शातिर अहमदाबाद में नहीं पकड़ा जाता तो वह दोनों गाड़ियों को चोरी कर लेता।

शातिर का हाईटेक अंदाज

अहमदाबाद पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार चोर सत्येंद्र एमबीए कर चुका है। उसने धन कमाने के शाॅर्टकट को यह रास्ता चुना। ऑनलाइन आर्डर कर चाइना से इलेक्ट्रॉनिक चाबी बनाने वाली मशीन मंगवाई थी। उसके निशाने पर स्कॉर्पियो और फोरच्यूनर गाड़ियां रहती थीं। क्योंकि इनको वह राजस्थान में डोडा या अफीम तस्करों को बेच देता था। जिस गाड़ी को चेारी के लिए टारगेट करता था, उसी कंपनी की दूसरी गाड़ी लेकर वह लंच के समय वर्कशॉप में पहुंचता था। वहां खड़ी गाड़ी में वह चुपचाप जीपीएस फिट कर देता। चाबी निकालकर वह अपनी मशीन में लगाकर उसका डाटा ले लेता था। इसके बाद चाबी गाड़ी में लगाकर चला जाता था। चाबी के डाटा से वह दूसरी इलेक्ट्रॉनिक चाबी तैयार कर लेता था। इसके बाद जीपीएस से गाड़ी की लोकेशन वॉच करता रहता। जहां भी अकेले में गाड़ी खड़ी दिख जाती वह उसे चोरी कर लेता था। शातिर, दिल्ली, मुंबई, जयपुर और अहमदाबाद में कई एसयूवी गाड़ियां चोरी कर चुका था। 


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