रोशनी के पर्व पर धमाकों से ज्यादा रोशनी आई पसंद, जानिए कितने करोड़ से सतरंगी हुआ आसमान Agra News
50 करोड़ की आतिशबाजी की हुई इस दीवाली बिक्री।
आगरा, जागरण संवाददाता। दीवाली पर ताजनगरी के लोगों ने जमकर आतिशबाजी चलाई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद देर रात तक आतिशबाजी की रोशनी से आसमान जगमगाता रहा। दीवाली पर करीब 50 करोड़ रुपये के पटाखे लोगों ने धुआं कर दिए।
दीपावली पर पर्यावरण संरक्षण के लिए इस बार कम आतिशबाजी करने की अपील की गई थी। ऐसे में उम्मीद थी कि इस बार आतिशबाजी कम होगी। मगर, लोगों ने पिछले साल की तरह इस बार भी जमकर आतिशबाजी की, हालांकि इस बार लोगों ने तेज धमाके वाले पटाखे से थोड़ा परहेज किया। इस बार रोशनी और कम आवाज वाले पटाखों की बिक्री ज्यादा हुई। पटाखों के थोक विक्रेता नवीन ने बताया कि लोगों में पर्यावरण को लेकर जागरूकता दिखाई दी। इस बार लोगों ने फुलझड़ी, अनार और चरखी को ज्यादा पसंद किया। तेज धमाके वाले पटाखों की जगह आसमान में रोशनी करने वाले पटाखे ज्यादा बिके। वहीं, पटाखा विक्रेता टीटू कुशवाहा ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार हल्की आवाज वाले पटाखों की ज्यादा डिमांड थी। जो लोग पहले दो हजार और पांच हजार बमों की चटाई ले जाते थे, उन्होंने इस बार 60 शॉट वाले बम ज्यादा पसंद किए। इसके अलावा बच्चों ने रॉकेट की जगह फुलझड़ी और सीता-गीता जैसे बम ज्यादा खरीदे। ताजनगरी में दीवाली पर आतिशबाजी बिक्री के लिए 17 स्थानों पर 250 से अधिक अस्थायी दुकानें लगाई गई थीं। दीवाली पर सुबह से लेकर रात तक आतिशबाजी खरीदने वालों की भीड़ रही। अनुमान के मुताबिक करीब 50 करोड़ की आतिशबाजी धुआं हुई।
12 बजे तक होते रहे धमाके
सुप्रीम कोर्ट का रात 12 बजे तक आतिशबाजी करने का आदेश है, लेकिन इसके बाद भी 12 बजे के बाद तक पटाखों की आवाज आती रही।
घर की सजावट पर दिया ध्यान
दीवाली पर लोगों ने इस बार घर की सजावट पर ज्यादा ध्यान दिया। लोगों ने आकर्षक झालरों से अपने घरों को सजाया। इस बार चाइना की झालरों की तुलना में इंडिया मेड झालर ज्यादा पसंद की गई। अधिकांश घरों पर नीले और सफेट रोशनी वाली पट्टे वाली झालर लगी थीं।