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Bhai Dooj 2020: यम की फांस से मुक्ति को, भाई बहन लगा रहे यमुना में डुबकी, आप भी जानें क्या है मान्यता

Bhai Dooj 2020 यम द्वितीया के दिन भाई बहन विश्राम घाट स्थित यमुना तट पर स्नान करें तो उन्हें यम की फांस से मुक्ति मिलती है। इसी कारण भाई बहन यमुना स्नान कर रहे हैं। स्नान के बाद बहन और भाइयों ने धर्मराजजी और यमुनाजी के मंदिर के दर्शन किए।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 08:01 AM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 10:06 AM (IST)
Bhai Dooj 2020: यम की फांस से मुक्ति को, भाई बहन लगा रहे यमुना में डुबकी, आप भी जानें क्या है मान्यता
स्नान के बाद बहन और भाइयों ने धर्मराजजी और यमुनाजी के मंदिर के दर्शन किए।

आगरा, जेएनएन। Bhai Dooj 2020: सोमवार को यम द्वितीया पर्व मनाया जा रहा है। मथुरा में यमुना पर भाई बहन यम की फांस से मुक्ति को हाथ पकड़ कर स्नान कर रहे हैं। स्नान के बाद बहनें भाइयों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना कर रही हैं। भाई-बहनों ने विश्राम घाट स्थित धर्मराजजी और यमुना जी के मंदिर के दर्शन किए। मथुरा विश्राम घाट पर सोमवार को यम द्वितीया (भैया दूज) का पर्व मनाया जा रहा है।

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इस दिन यम की फांस से मुक्ति के लिए भाई-बहन एक-दूसरे का हाथ पकड़कर यमुना में डुबकी लगा रहे हैं।इसके बाद भाई-बहन के नाम से प्रसिद्ध एक मात्र यमुना-धर्मराज मंदिर में पूजन-अर्चन कर मनोकामना मांगेंगे। बहनें भाइयों के टीका कर उनकी दीर्घायु की कामना करेंगी। सूर्य नारायण व संध्या की संतान यम-यमी दोनों भाई-बहन हैं। यमी अर्थात यमुना द्वारा सतयुग में की गई तपस्या से प्रसन्न होकर नारायण ने कहा कि मैं द्वापर में श्रीकृष्ण के रूप में अवतरित होकर आपका वरण करूंगा। यही कारण है कि श्रीकृष्ण को वसुदेव द्वारा गोकुल ले जाते समय यमुना जी ने श्रीकृष्ण के चरणों को स्पर्श किया। प्रतिवर्ष यम द्वितीया पर लाखों श्रद्धालु विश्राम घाट पर स्नान करने के पश्चात इस मंदिर के दर्शन करते हैं। 

धार्मिक मान्यता है कि यम द्वितीया के दिन भाई बहन विश्राम घाट स्थित यमुना तट पर स्नान करें तो उन्हें यम की फांस से मुक्ति मिलती है। इसी कारण भाई बहन यमुना स्नान कर रहे हैं। स्नान के बाद बहन और भाइयों ने धर्मराजजी और यमुनाजी के मंदिर के दर्शन किए। बहनों ने भाइयों के टीका कर लंबी उम्र की प्रार्थना की। भाई बहनों ने एक दूसरे को उपहार भी दिए हैं। विश्राम घाट आने वाले मार्गों पर श्रद्धालुओं की कतार लग रही है। विश्राम घाट पर आस्था का ज्वार उमड़ रहा है। श्रद्धालुओं का आना तड़के ही शुरू हो गया था । स्नान के लिए प्रशासन ने भी सुरक्षा के इंतजाम किए हैं। 

दूज पर यमुना से मिलने पहुंचे थे धर्मराज, दिया था वर 

बहन यमुना के निमंत्रण पर भाई धर्मराज संयोगवश दिवाली के बाद आने वाली दूज के दिन अपनी बहन से मिलने आए। यमुना ने भाई धर्मराज का सादर सत्कार कर टीका कर उन्हें छप्पन भोग ग्रहण कराया। बहन के आतिथ्य से प्रसन्न होकर धर्मराज ने उन्हें वर मांगने को कहा। यमुना ने वर मांगा कि यम द्वितीया पर्व पर जो भी भाई-बहन हाथ पकड़ कर विश्राम घाट पर स्नान करके इस मंदिर के दर्शन करेंगे वह मृत्यु के पश्चात यमलोक को नहीं जाएं। यमुना जी द्वारा मांगे गए इस वरदान को धर्मराज ने सहर्ष स्वीकार किया

यह है मान्यता

धार्मिक मान्यता है कि द्वापर युग में यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने यम द्वितीया के दिन विश्रामघाट पर आए थे। यमुनाजी ने यमराजजी का आदर-सत्कार किया। धर्मराज ने यमुना से वरदान मांगने के लिए कहा। यमुनाजी का कहना था कि वह कृष्ण की पटरानी हैं, क्या मागे। धर्मराज ने फिर भी वरदान मांगने के लिए यमुनाजी से कहा। इस पर यमुना जी ने कहा कि जो मेरे अंदर स्नान करे, वह बैकुंठ जाए। यमराज का कहना था कि इस पर तो मेरा लोक ही सुना हो जाएगा, लेकिन आज के दिन (यम द्वितीया) जो भाई-बहन विश्रामघाट पर हाथ पकड़कर स्नान करेंगे और इस मंदिर के दर्शन करेंगे, वह यमलोक न जाकर बैकुंठ जाएंगे। मंदिर के पुजारी शैलेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि भाई-बहन यमुना में स्नान करने के बाद इस मंदिर के दर्शन करते हैं। यमुनाजी और धर्मराजजी का मंदिर केवल मथुरा में हैं।

तीर्थ पुरोहित के स्वजन बनते हैं भाई-बहन

जिनके भाई-बहन नहीं हाेते हैं, वह अपने तीर्थ पुरोहित के स्वजन को भाई-बहन बनाते हैं। इसके बाद यमुना में स्नान कर भाई-बहन के रिश्ते के बंधन में बंध जाते हैं।

यह है घाट पर व्यवस्थाएं

- चार कैंप (स्वामी घाट, विश्राम घाट, आगरा होटल, जमुनापार) कार्यालय बनाए गए हैं।

- दोनों किनारों पर चार-चार चेंजिंग रूम बनाए गए हैं।

- दोनों किनारों पर एक-एक खोया-पाया केंद्र।

- 20 गोताखोर।

- 50 नाव।

- आठ नाव पर लाउडस्पीकर की व्यवस्था।


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