बेमौसम बरसात, ठंडी पड़ी भट्ठों पर चिमनियों की आग, बढ़ेंगे ईंट के रेट
रुक-रुक कर हो रही बारिश से बिगड़ा उत्पादन का फेर। मजदूर भी बैठे खाली हाथ।
आगरा, जेएनएन। इस बार रुक-रुक कर हो रही बेमौसम बरसात, आने वाले समय में भवन निर्माण का बजट भी बिगाड़ेगी। पिछले कुछ दिनों से लगातार एक-दो दिन के अंतराल पर हो रही बारिश ने ईट भट्ठा संचालकों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। भट्ठों में फड़ों पर पथी रखीं लाखों कच्ची ईटें खराब हो गई हैं। जिससे ईंट भट्ठों पर पकाई का फेर बिगड़ गया है। कच्ची ईंटों के अभाव में तमाम भट्ठों पर चिमनियों की आग ठंडी पड़ गई है।
मथुरा जिले में करीब 150 ईंट भट्ठे हैं। जहां इन दिनों ईंटों की पथाई एवं पकाई का कार्य जोरों पर चल रहा था। एक-एक भटठेे पर फड़ों में लाखों ईंटें खुले में पथी रखी रहती हैं। पिछले दो माह से आए दिन बदली छाने एवं बेमौसम बरसात से जहां ईंट सूख नहीं पा रहीं हैं, वहीं पथी रखीं तमाम ईंट मिट्टी के ढेर में बदल गई हैं। बरसात से फड़ों पर पानी भर जाने पर उसे सूखने में कई दिन लग जाते हैं। ऐसे में पथाई मजदूरों को कई दिन तक खाली हाथ बैठना पड़ता है। ईंट भट्ठा एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सुधीर फौजदार का कहना है कि एक-एक भट्ठा पर दस लाख रुपये से भी अधिक के नुकसान का अनुमान है। एसोसिएशन के महामंत्री भानुप्रकाश वाष्र्णेय का कहना है कि आए दिन हो रही बेमौसम बरसात से भटठा कारोबार की कमर टूट गई है। भटठों पर खुले में पथी रखीं लाखों ईंटें गल गईं हैं। ऐसे में पकाने के लिए ईंट न होने और तमाम भटठों पर चिमनियों की आग ठंडी पड़ गई है। उन्होंने कहा कि इसका सीधा असर ईंटों के उत्पादन पर पड़ रहा हैं। ऐसे में ईंटों के दामों में बढ़ोत्तरी करना भटठा संचालकों की मजबूरी बन गई है।
खाली हाथ से बढ़ता खर्चा
बिहार के गया जनपद से ईंटों की पथाई को आए मजदूर विकास और रामदीन का कहना है कि एक दिन बरसात होने पर कई दिन खाली हाथ बैठना पड़ता है क्योंकि फड़ों में पानी सूखने में समय लगता है। ऐसे में काम न हो पाने से भटठों मालिक का खर्चा बढ़ता रहता है। जिसे काम के जरिए ही पूरा किया जा सकता है।
बढ़ गए ईंटों के रेट
बेमौसम बारिश से भटठों का फेर बिगड़ जाने पर बाजार में ईंटों के दाम में उछाल आ गया है। भटठों पर एक माह पहले तक जो ईंट 3400 रुपये प्रति हजार बिक रही थी, वह अब 3800 रुपये में बिक रही है। हालांकि संचालकों के अपने-अपने भट्ठों पर ईंटों के अलग-अलग रेट निर्धारित हैं। बारिश के बाद संचालकों ने ईंटों के रेट में 300 से 500 रुपये प्रति हजार की बढ़ोत्तरी कर दी है।