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Dengue in Braj: ब्रज बन गया डेंगू का ब्रीडिंग ग्राउंड, साफ जल ही बन रहा जानलेवा

डेंगू के 90 फीसद मामले में जलभंडारण व जलजमाव जिम्मेदार। आगरा मथुरा अलीगढ़ व फिरोजाबाद मेें पनप रही मच्‍छरों की फौज। भूगर्भ जलस्तर काफी नीचे चला गया है और पाइप्ड वाटर की सप्लाई भी दुरुस्त नहीं है। इसलिए यहां लोगों में जल भंडारण की गंभीर प्रवृत्ति देखी जा रही है।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 01:25 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 01:25 PM (IST)
साफ पानी में ही यहां डेंगू का मच्‍छर पनप रहा है।

आगरा, संजीव जैन। बुखार और डेंगू का प्रकोप तो पूरे प्रदेश में है, लेकिन आगरा और अलीगढ़ मंडल में लगातार हो रही मौतें और त्रासद स्थिति के लिए अतीत की गलतियां जिम्मेदार हैं। इन मंडलों के अधिकतर जिले डार्क जोन में हैं। भूगर्भ जलस्तर काफी नीचे चला गया है और पाइप्ड वाटर की सप्लाई भी दुरुस्त नहीं है। इसलिए यहां लोगों में जल भंडारण की गंभीर प्रवृत्ति देखी जा रही है। बुखार और डेंगू के प्रकोप का यह एक बड़ा कारण है। यही वजह है कि बुखार से अब अलीगढ़ मंडल के एटा और कासगंज जिले में हालात बिगड़ रहे हैं।

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मंडलीय कीट विज्ञानी मीना राजपूत के मुताबिक जलभंडारण व जलजमाव के कारण आगरा, मथुरा, अलीगढ़ व फिरोजाबाद मेें जगह-जगह डेंगू ब्रीङ्क्षडग ग्राउंड बने हुए हैं। 10 लाख आवासों सहित 14 लाख स्थानों पर मच्छर पल रहे हैंं। 800 से अधिक स्थानों पर जाकर नमूने लिए गए। पता चला कि प्रभावित इलाकों में घर के बाहर एक फीसद तो घर के भीतर पांच से छह फीसद लार्वा है। विस्तृत अध्ययन के लिए नमूना संकलन के दौरान दो हजार से अधिक मच्छरों को भी पकड़ा गया। पाया गया कि जहां लार्वा मिला वहां बड़ी मात्रा में जल भंडारण और जलजमाव की स्थिति थी। जहां पाइप्ड वाटर सप्लाई के दौरान लीकेज के कारण पानी फैला या जलजमाव हुआ, वहां भी लार्वा मिला।

मीना राजपूत बताती हैं कि अनियोजित विकास भी बड़ा कारण है। पिछले 30 दिन में आगरा, मथुरा के गोवर्धन, फिरोजाबाद व मैनपुरी के 612 घरों में 900 से अधिक स्थानों पर बाहर फेंके गए पुराने सामान की जांच की गई तो वहां पर मच्छर का लार्वा पाया गया। घरों के भीतर और खिड़कियों से सटाकर रखे गए कूलर और फ्रिज के पीछे की ओर लगी पानी की ट्रे की जांच की गई। इन स्थानों पर डेंगू के लिए जिम्मेदार एडीज एजिप्टी मच्छरों का कुनबा पलता मिला।

ये है जल भंडारण का बड़ा कारण

-आगरा जोन के 77 विकास खंड में से 33 डार्क श्रेणी में हैं।

-आगरा के बरौली अहीर, जगनेर व खेरागढ़, फीरोजाबाद के अरांव, मैनपुरी के बरनाहल, मथुरा के फरह, कासगंज के गंजडुडवारा, सोरों, एटा का जलेसर, हाथरस का सादाबाद विकास खंड क्षेत्र भी डार्क श्रेणी में पहुंचने के कगार पर हैं।

-ऐसे में आगरा जोन में कुल डेढ़ लाख स्थानों में जल भंडारण किया जा रहा। इनमें 22 हजार स्थान सरकारी क्षेत्र में आते हैं।

- जलभंडारण करने वालों में पानी बेचने वाले 10,000 पानी बेचने वाले प्लांट भी शामिल हंैं।

- 10 लाख से अधिक घरों में लगे कूलर का पानी कई-कई दिन साफ नहीं होता है।

- जोन में दो हजार से अधिक सड़क खस्ताहाल होने के कारण बारिश में वहां जलभराव होता है।


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