अपहरण के मामले में भाजपा के संगठन मंत्री समेत दो हाईकोर्ट में तलब
पीड़िता की ओर से कर रहे थे मामले की पैरवी, 28 जनवरी को होगी न्यायालय में पेशी
आगरा, जागरण संवाददाता। एमबीबीएस छात्रा के अपहरण के चार माह पुराने मामले में भाजपा के ब्रज क्षेत्र संगठन मंत्री भवानी सिंह और भाजपा नेता भानु प्रताप सिंह फंस गए हैं। वे पीड़िता के पिता की ओर से मामले की पैरवी कर रहे थे। छात्रा के बयान से वे खुद अपहरण के आरोप में घिर गए हैं। दोनों नेताओं को हाईकोर्ट ने 28 जनवरी को तलब किया है।
ताजगंज के शमसाबाद रोड निवासी किंग्स स्ट्रीट निवासी आनंद चौहान ने अपनी बेटी इशिका चौहान को एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए रूस भेजा था। बीमार होने पर इशिका एक वर्ष बाद ही लौट आई और दिल्ली में रहने लगी। उसके पिता ने ताजगंज थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। युवती के बयान के आधार पर पुलिस ने इसमें अंतिम रिपोर्ट लगा दी। इसके बाद नौ सितंबर 2018 को आनंद ने अपने साले कमला नगर निवासी मनोज और आयुष सिसौदिया (इशिका के मामा) समेत अन्य के खिलाफ बेटी के अपहरण, चोरी और घर में घुसकर मारपीट का मुकदमा दर्ज करा दिया। विवेचना सिकंदरा थाने में स्थानांतरित हुई और पुलिस ने आयुष को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इशिका ने स्थानीय अदालत में मामा के पक्ष में बयान दिए। पुलिस से राहत न मिलने पर मनोज ने मुकदमा खत्म कराने को हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट में इशिका ने अपने बयान में पिता, संगठन मंत्री भवानी सिंह और भाजपा नेता भानु प्रताप चौहान पर 26 नवंबर को हाईकोर्ट के गेट से बंदूक के बल पर अपहरण का आरोप लगाया। छात्रा ने उनसे जान का खतरा भी जताया है। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने दोनों भाजपा नेताओं को 28 जनवरी को अदालत में तलब किया है।