खाद्यान्न बचाने को बायोसेंसर है अत्याधिक लाभप्रद
नैनो टेक्नोलाजी सोसायटी के तत्वाधान में वेबिनार का किया गया आयोजन
आगरा, जागरण संवाददाता। शारदा ग्रुप के हिदुस्तान कालेज आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी के भौतिकी विभाग में नैनो बायोसेंसर फार फूड हैल्थ एंड इनवायरमेंट मानिटरिग, एर्फोडेबिल डाइग्नोस्टिक्स विषय पर नैनो टेक्नोलाजी सोसायटी के तत्वाधान में एक वेबिनार का आयोजन किया गया। नैनो टेक्नोलाजी के इस्तेमाल और विभिन्न स्वरूपों की जानकारी दी गई।
मुख्य अतिथि महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली के कुलपति प्रो. केपी सिंह ने कार्बन नैनो मेटेरियल और ग्रेफाइन के बारे में प्रतिभागियों को विस्तार से बताया। उन्होंने नैनो मेटेरियल के अनुसंधान में चुनौतियों का जिक्र किया। नैनो मेडिसन और नैनो व्हीकल्स के बारे में भी बताया।
संस्थान के डीन आरएंडडी और भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एमएस गौर ने बताया कि संस्थान में नैनो रिसर्च के लिए प्रयोगशाला है। विश्व की जनसंख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है, जिसके लिए खाद्य सुरक्षा की बहुत आवश्यकता है। बायोसेंसर की मदद से हम अपने खाद्यान्न को सुरक्षित रख सकते हैं। वेबिनार में देश-विदेश के 112 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। वेबिनार में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली की तूलिका प्रसाद, संस्थान के निदेशक डा. राजीव कुमार उपाध्याय, बेलारूस के गोमिल स्टेट विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सिरगी और रूस से बीबी डेजेटिव आदि जुड़े।