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Cyber Crime: रहें सावधान, कभी जीजा तो कभी दोस्त बनकर बैंक खातों से पार कर रहे रकम

Cyber Crime सात महीने के दौरान 100 लोग हो चुके हैं साइबर शातिरों का शिकार। कहीं रिश्तेदार बन मोबाइल पर मैसेज भेजकर कहीं फर्जी प्रोफाइल बना मदद के नाम पर ठगी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 07:49 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 07:49 AM (IST)
Cyber Crime: रहें सावधान, कभी जीजा तो कभी दोस्त बनकर बैंक खातों से पार कर रहे रकम
Cyber Crime: रहें सावधान, कभी जीजा तो कभी दोस्त बनकर बैंक खातों से पार कर रहे रकम

केस एक:सीओ ताज सुरक्षा की साइबर शातिर ने फेसबुक पर उनके नाम फर्जी प्रोफाइल बनायी। इसके बाद परिचित और दोस्तों को मैसेज भेजकर उनसे रकम की मांग की। इस पर उनके एक परिचित को शक हो गया। उसने इसकी जानकारी सीओ को दी। उन्होंने फर्जी फेसबुक प्रोफाइल को साइबर सेल की मदद से बंद कराया।

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केस दो: शमसाबाद में नरेश को 15 जुलाई को शातिर ने फोन किया। उनसे कहा कि तुम्हारा जीजा बोल रहा हूं। तुम्हारे खाते में 25 हजार रुपये डाल रहा हूं। मुझे अपना गूगल पे नंबर और वाट्सएप नंबर दे दो। इससे कि वाट्सएप पर रुपये भेजने का स्क्रीन शाट भेज सकूं। नरेश जादौन ने बताया युवक ने उनके वाट्सएप पर एक बार कोड भेजा। इसे स्कैन करने की कहा। उसे स्कैन करने पर ब्रजेश कुमार का नाम आया। उसमें पहले से ही 25-25 हजार रुपये की रकम सेव थी। इसके बाद शातिर ने कहा कि अपना पिन लगा दो। उसे लगाते ही नरेश के खाते से 50 हजार रुपये निकल गए।

आगरा, जागरण संवाददाता। ये दो केस तो महज उदाहरण हैं, इसके अलावा कोई कार अचानक रास्‍ते में खराब होने की बात कहकर तो कोई पर्स चोरी होने की बात कहकर फोन कर रहा है। कभी जीजा बनकर ताे कहीं दोस्त बनकर साइबर शातिर लोगों के बैंक खातों में जमा पूंजी में सेंध लगा रहे हैं। उनकी मेहनत की कमाई को एक झटके में अपने खातों और ई-वॉलेट में ट्रांसफर कर रहे हैं। इस साल जनवरी से अब तक साइबर क्राइम की 100 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं। लॉकडाउन के बाद साइबर शातिरों ने लोगो को ज्यादा संख्या में निशाना बनाया। ठगी का यह सिलसिला अनलॉक में भी जारी है। फेसबुक पर किसी के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनानकर उसके रिश्तेदारों और परिचितों से मदद के नाम पर ठगी की घटनाओं में इजाफा हुआ है। कई लोगाें ने साइबर शातिरों द्वारा बताए गए खाते में रकम भी ट्रांसफर कर दी। बाद में रिश्तेदार से बातचीत करने पर पता चला कि वह ठगी का शिकार हो गए हैं। शातिर रकम इतनी कम मांगते हैं कि रिश्तेदार उसे देने से पहले संबंधित से संपर्क नहीं करता। उसे यह लगता है कि कहीं मदद मांगने वाले रिश्तेदार को बुरा न लग जाए। लोगों की इसी सोच का साइबर शातिर फायदा उठाते हैं।

इस तरह रहें सतर्क, नहीं होंगे साइबर शातिरों के शिकार

आइजी रेंज साइबर सेल के प्रभारी शैलेश कुमार सिंह के मुताबिक जरा सी सावधानी और जागरूकता लोगों को साइबर शातिरों का शिकार होने से बचा सकती है। लोगों की रकम उनके खातों में महफूज रह सकती है। इन बातों का ध्यान रखें-

-गूगल पर सर्च किए गए कस्टमर केयर नंबर का इस्तेमाल न करें,धाेखा हो सकता है।

-किसी भी समस्या के होने पर बैंक, ई-वॉलेट या अन्य संबंधित की असली वेबसाइट पर ही जाकर कस्टमर केयर नंबर पर ईमेल आदि का इस्तेमाल करें।

-फाेन कॉल एसएमएस या अन्य किसी माध्यम से ओटीपी या यूपीआइ अौर एटीएम पिन किसी के साथ शेयर नहीं करें।

-एसएमएस या वॉट्सएप पर आए किसी लिंक या गूगल फॉर्म (जिस पर किसी कंपनी, बैंक, ई-वॉलेट आदि का नाम हो सकता है) में कोई भी अपनी निजी जानकारी जैसे गूगल, यूपीआइ पिन,एटीएम पिन या बैंक में पंजीकृत मोबाइल नंबर कार्ड नंबर रुपये (रुपये एक, दो, पांच, दस, 20 आदि छोटी रकम हो सकती है) शेयर नहीं करें। छोटी रकम का लालच देकर कोई आपकी निजी जानकारी चुरा सकता है। 


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