टोक्यो में भारतीय खिलाडि़यों को नहीं मिला शाकाहार, पानी और जूस से काटे दिन
वल्र्ड चैंपियनशिप बेंचप्रेस प्रतियोगिता में रही बदइंतजामी। इकरा की तबियत खराब जागरण को बताई सच्चाई।
आगरा, गगन राव पाटिल। वल्र्ड चैंपियनशिप बेंचप्रेस प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने टोक्यो गए खिलाडिय़ों को हद दर्जे की बदइंतजामी का सामना करना पड़ा। खिलाडिय़ों को झींगुर, कॉकरोच, बीफ व श्वान का मांस तक परोसा गया। जूस में तो दुर्गंध आ रही थी। इससे प्रदर्शन प्रभावित हुआ। एक खिलाड़ी की तबियत भी खराब हो गई। खिलाडिय़ों ने अधिकारियों से शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
जापान के टोक्यो में आयोजित प्रतियोगिता में नीमगांव की इकरा बानो और राया के राकेश सिंह ने भाग लिया था। इसमें दुनिया भर के 32 देशों के खिलाड़ी शामिल थे। प्रतियोगिता में 52 किलो भार वर्ग की जूनियर चैंपियनशिप में 18 वर्षीय इकरा ने टॉप फाइव में जगह बनाई। इसी तरह 19 वर्षीय राकेश ने 74 किलो वर्ग की जूनियर प्रतियोगिता में छठा स्थान प्राप्त किया। दोनों ने ही गोल्ड मेडल हासिल किया।
रविवार रात लौटे दोनों खिलाडिय़ों ने 'जागरण' को बताया कि शाकाहारी खाने का तो कोई इंतजाम ही नहीं था। सिर्फ मांसाहारी ही परोसा जा रहा था। ऐसे में पूरे हफ्ते सिर्फ जूस और पानी पर ही रहना पड़ा। सही डाइट न मिलने से प्रदर्शन क्षमता पर भी असर पड़ा। वहां से आने के बाद इकरा की तबियत खराब हो गई। यह आलम तब था जब खिलाडिय़ों को खुद ही इस टूर का सारा खर्च उठाना पड़ा था। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए करीब 2.5 लाख रुपये खर्च आया।
नेटवर्क की रही दिक्कत
खाने के अलावा नेटवर्क का भी बड़ी समस्या रही। खिलाड़ी अपने परिजन से बात करने को तरसते रहे। जबकि जापान जैसे अति उन्नत देश में ऐसी समस्या आने के बारे में हम सोच भी नहीं सकते।
शिकायत की पर कोई परिवर्तन नहीं हुआ
बेहद खराब खाना था। बीफ, श्वान का मांस, कॉकरोच, झींगुर और पता नहीं क्या-क्या परोसा गया। खाने का इंतजाम आयोजकों की ओर से किया गया था। शिकायत के बाद भी मीनू में कोई परिवर्तन नहीं किया गया।
- इकरा बानो
प्रदर्शन हुआ प्रभावित
खाने का ठीक से कोई इंतजाम नहीं था। वेजीटेरियन खाने का अता-पता नहीं था। जबकि सभी तरह के खिलाडिय़ों के बारे में सोचना चाहिए था। प्रदर्शन भी प्रभावित हुआ।
- राकेश सिंह
करनी चाहिए फेडरेशन को शिकायत
इंतजाम सभी देशों के हिसाब से करने चाहिए थे। वहीं, खिलाड़ी फेडरेशन पॉवरलिङ्क्षफ्टग की ओर से गए थे। लिहाजा, इस मामले की शिकायत भी फेडरेशन को करनी चाहिए।
एसपी बमनिया, खेल अधिकारी
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