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सेना का अधिकारी बन कार बेचने का झांसा, कहीं फंस न जाना आप

शातिरों ने फैला रखा है इंटरनेट मीडिया पर ठगी का जाल। आकर्षक कीमत के चक्कर में लोग फंस जाते हैं जाल में। रामबाग निवासी सचिन ने भी इंटरनेट मीडिया माध्यम पर एक कार की डील की। कार विक्रेता खुद को सैन्य अधिकारी बता रहा था।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 12:08 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 12:08 PM (IST)
सेना का अधिकारी बन कार बेचने का झांसा, कहीं फंस न जाना आप
सेना का अधिकारी बन शातिर कार बेचने के नाम पर ठगी कर रहे हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के बाद पुरानी काराें की खरीद- फरोख्त बढ़ी है। ऐसे में कुछ लोग आनलाइन डील भी कर रहे हैं। बढ़ते क्रेज को देखते हुए साइबर शातिरों ने भी आनलाइन प्लेटफार्म पर सक्रियता बढ़ा दी है। वे नजर लगाकर बैठे हैं। इंटनेट मीडिया पर कार या अन्य वाहन का फोटो अपलोड करके ये उसकी आकर्षक कीमत रखते हैं। फोन पर डील फाइनल करके ये अपने खातों में रकम ट्रांसफर कराते हैं। सैन्य अधिकारी बनकर ये शातिर लोगों का भरोसा जीतते हैं। ठगी होने पर जानकारी हो पाती है। इसलिए इंटरनेट मीडिया के माध्यम से वाहनों की डील करने में सावधानी बरतें। नहीं तो आपकी मेहनत की कमाई शातिरों के खाते में पहुंचने में देर नहीं लगती।

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बरेली के एक व्यापारी को कार खरीदनी थी। उन्होंने इसी माह आनलाइन शापिंग साइट पर कार सर्च की। एक कार उन्हें पसंद आ गई। विज्ञापन में दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया तो कार मालिक ने कहा कि वह सेना में अधिकारी हैं। उनका आगरा से ट्रांसफर हो गया है। इसलिए वे अपनी कार बेचना चाहते हैं।कार के माडल के हिसाब से कीमत काफी कम बताई। इसलिए व्यापारी भी खरीदने को तैयार हो गए। उन्होंने कार की टेस्ट ड्राइव के लिए कहा तो बेचने वाले ने इन्कार कर दिया। कह दिया कि सैन्य क्षेत्र में आप नहीं आ सकते। एडवांस के तौर पर बीस हजार रुपये खाते में जमा करा दो। इसके बाद कार बरेली पहुंचा दी जाएगी। उनकी बातों से व्यापारी को शक हो गया और उन्होंने खाते में रकम जमा नहीं कराई।

रामबाग निवासी सचिन ने भी इंटरनेट मीडिया माध्यम पर एक कार की डील की। कार विक्रेता खुद को सैन्य अधिकारी बता रहा था। उसने बताया कि कार आगरा के कैंट क्षेत्र में खड़ी है। मगर, वह सैन्य क्षेत्र में देखने को नहीं बुला सकते। विक्रेता बनकर शातिर उनसे एडवांस के तौर पर 10 हजार रुपये खाते में जमा कराने को कहा। उसके झांसे में आकर उन्होंने रकम जमा करा दी। इसके बाद और रकम जमा कराने को कह रहा था।उसकी बातों से सचिन समझ गए। इसके बाद उन्होंने रकम जमा नहीं कराई। उन्होंने अभी पुलिस से शिकायत नहीं की है। उनकी तरह और भी तमाम मामले हैं, जिनमें से कुछ पुलिस के पास पहुंचते हैं। एसएसपी मुनिराज जी का कहना है कि आनलाइन वाहन बेचने के नाम पर कुछ गैंग ठगी करते हैं। कई बार इस तरह के गैंग पकड़े गए हैं। इनसे बचने को लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।

ये बरतें सावधानी

- अगर कार की आनलाइन डील कर रहे हैं तो उसके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस को वाट्सएप पर मंगवाकर उनकी जांच कर लें।

- कार को बिना भौतिक रूप से देखे डील न करें। वर्चुअल डील में हकीकत सामने नहीं आती है।

- कार को भौतिक रूप से देखने के बाद ही उसका पेमेंट करें और पेपर ट्रांसफर करा लें। पहले से किसी के खाते में एडवांस के तौर पर रकम न जमा कराएं।


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