रहें सावधान, कहीं अंजान किराएदार रोहिंग्या मुसलमान तो नहीं
मथुरा की मीनानगर, गोपालबाग, बठैन गेट की नवविकसित कॉलोनियां निशाने पर। रुनकता में भी खेत ले रखा था किराए पर।
आगरा [जेएनएन]: मथुरा के कोसीकलां कस्बा में अवैध बांग्लदेशी और रोहिंग्या मुस्लमानों के पकड़े जाने के बाद छोटे कस्बों में इनकी मौजूदगी ने सुरक्षा एजेंसियो के होश उड़ा दिए हैं। कस्बे के बाहर नवविकसित कॉलोनियों में सैकड़ों लोग किराए पर रह रहे हैं। अब यह कॉलोनियां सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर हैं।
रविवार को कस्बा में बड़ी संख्या में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या पकड़े गए थे। पुलिस की यह कार्रवाई खुफिया विभाग के इनपुट पर हुई थी। हाईवे किनारे कस्बा में इतनी बड़ी तादात में अवैध रूप से रह रहे लोग मिलने से एजेंसियां जांच का दायरा बढ़ा रही हैं। कस्बा की नवविकसित कॉलोनियों में किराएदारों के डाटा खंखालने की तैयारी की जा रही है। मीनानगर, गोपाल बाग, बठैनगेट इलाका, नंदगांव रोड, खाली पड़े सरकारी आवासों में उन्हें शरण देने वाले लोग आसानी से उनका ठिकाना बनवा देते हैं। खुफिया विभाग अब ऐसे ही इलाकों में जांच पड़ताल में जुटा है। किराएदार रखने वाले इलाकों की भी छानबीन की जा रही है। इंस्पेक्टर अमित कुमार ने बताया कि अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति प्रतीत होता है तो उसके बारे में जानकारी की जाएगी।
रुनकता में ले रखा था एक बीघा खेत किराए पर
आगरा के थाना रुनकता क्षेत्र में पकड़े गए 16 रोहिंग्या शरणार्थी भी यहां किराए पर खेत लेकर रह रहे थे। क्षेत्र में एक बीघा खेत किराए पर लेकर अपनी झुग्गियां डाल रखी हैं। ये सभी कबाड़ बीनने का काम करते हैं। खेत के एक हिस्से में कबाड़ भी एकत्र करके रखते हैं।
किराए पर घर या भूमि देने से पहले परख लें
मथुरा और आगरा में पकड़े गए रोहिंग्या शरणार्थियों के बाद यह बात साबित हो गई है कि ब्रज में रोहिंग्या लंबे समय से घुसपैठ कर रहे हैं। पहचान पत्र के बिना मकान या भूमि किराए पर लेना इनके लिए आसान था। लेकिन इस तरह की घुसपैठ शहर के लिए ही नहीं देश के लिए भी घातक बन सकती है। किसी को भी किराए पर घर या भूमि किराए पर देने से पहले अच्छी तरह जांच पड़ताल कर लें अन्यथा किसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है।