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Vat Savitri: गुणों से भरपूर है बरगद, प्रकृति के सृजन का प्रतीक है बरगद

एक बरगद का पेड़ भोले बाबा की बगीची नुनिहाई में दुर्गा नगर क्षेत्र में भोला बाबा की बगीची में करीब 70 साल पहले लगाया गया था। लगभग 70 सालों से महिलाएं कर रही पूजा। बरगद का है ज्योतिषीय महत्व भी। इसकी छाल और पत्तों से औषधियां भी बनाई जाती हैं।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 09:20 AM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 09:20 AM (IST)
Vat Savitri: गुणों से भरपूर है बरगद, प्रकृति के सृजन का प्रतीक है बरगद
नुनिहाई में लगा बरगद का पेड़ 70 साल से ज्‍यादा पुराना है।

आगरा, प्रभजोत कौर। ताजनगरी के हर कोने में एक शिवालय है। आगरा की रक्षा शिव चारों कोनों से करते हैं। इसी तरह शिव के प्रतीक कहे जाने वाले बरगद के पेड़ शहर के कई क्षेत्रों में अपनी छांव, अपनी ज्योतिषीय गुणों, अपने औषधीय गुणों से लोगों की रक्षा कर रहे हैं। इनमें से एक बरगद का पेड़ भोले बाबा की बगीची नुनिहाइ में दुर्गा नगर क्षेत्र में भोला बाबा की बगीची में करीब 70 साल पहले लगाया गया था। बरगद त्रिमूर्ति का प्रतीक है, इसकी छाल में विष्णु, जड़ में ब्रह्मा और शाखाओं में शिव का वास माना जाता है। यह प्रकृति के सृजन का प्रतीक है। इसकी पूजा करने से संतान प्राप्ति होती है। इस पेड़ की आयु काफी होती है, इसलिए वट सावित्री के दिन महिलाएं अपने स्वजनों की दीर्घायु की कामना इस पेड़ की पूजा करने के साथ करती हैं। पूजा के लिए आसपास की कालोनियों से सैंकड़ों महिलाएं यहां आती हैं।

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बरगद का ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिषाचार्य डा. शोनू मेहरोत्रा बताती हैं कि इस पेड़ की छाया सीधे मन पर असर करती है और मन को शांत बनाए रखती है। शनि पीड़ा से मुक्ति के लिए इसकी जड़ में पानी चढ़ाया जाता है। इसकी पत्तियों और डालियों से निकलने वाले दूध का तांत्रिक क्रियाओं में प्रयोग होता है। इसकी छाल और पत्तों से औषधियां भी बनाई जाती हैं। इसकी जड़ ग्रहों की शांति में काम आती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार बरगद के वृक्ष पर मंगल का आधिपत्य होता है। इसलिए मंगल ग्रह की शांति के लिए बरगद की जड़ धारण करने का विधान है। मंगलिक दोष के कारण किसी जातक के विवाह में बाधा आ रही हो तो वट वृक्ष की जड़ से मंगल दोष की शांति होती है। वट वृक्ष की जड़ धारण करने से कुंडली का अंगारक दोष शांत होता है। भूमि, भवन, संपत्ति संबंधी कार्यों में रूकावट आ रही हो तो वट वृक्ष की जड़ धारण करें। वट वृक्ष की जड़ पहनने से कर्ज मुक्ति जल्द हो जाती है।

विशेषज्ञों की बात

आरबीएस कालेज बाटनी विभाग की डा. सीमा भदौरिया बताती हैं कि वट वृक्ष अमूमन 162 वर्गमीटर में फैला होता है। प्रतिघंटे 1,712 किग्रा आक्सीजन देने के साथ ही 2,252 किग्रा कार्बन डाइक्साइड अवशोषित करता है। सड़कों के किनारे लगे वट वृक्ष वाहनों के धुएं से निकलने वाले शीशा व अन्य प्रदूषकों की 30 फीसद मात्र को अवशोषित कर लेते हैं। इस पर तमाम शोध भी हुए हैं। वट वृक्ष की जड़ें काफी फैलती है। दो पेड़ों के बीच की दूरी 15 मीटर होनी चाहिए। इसे लगाने के लिए एक सप्ताह पहले दो फीट गहरा गढ्ढा खोदें। गोबर की खाद मिलाकर उसे भूमि की सतह से छह इंच ऊपर तक भरना चाहिए। मिट्टी और खाद जमीन की सतह पर आ जाएं, तब पौधा लगाना चाहिए।

यादगार बना लें यह दिन

कोरोना संक्रमण के कारण सबसे खराब दौर का सामना करने वाले परिवारों के पास कई अनुभव होंगे। उन्हें पीछे छोड़ दें। एक कदम आगे बढ़कर इस वक्त को यादगार बना लें। अपने हाथ से एक पौधा लगाएं। तय करें कि इसकी देखरेख करेंगे, इसे वृक्ष बनाएंगे ताकि दूसरों को आक्सीजन दे सकें। वर्षो बाद जब उस पेड़ को निहारेंगे तो कोरोना पर जीत और धरा व आक्सीजन के लिए किए गए प्रयास अच्छी अनुभूति देंगे।

हम संभालेंगे बरगद

पिछले साल से अब तक कोरोना के कारण हुई स्थिति से हम सभी वाकिफ हैं। इसलिए मैंने सोचा है कि इस साल अपने घर के आसपास एक उचित स्थान की तलाश कर बरगद जरूर लगाऊंगी, जिससे आक्सीजन ज्यादा से ज्यादा मिले।- आभा जैन, प्रताप नगर

वैसे तो बरगद के लिए काफी जगह चाहिए होती है क्योंकि इस पेड़ का फैलाव काफी होता है। मेरे घर के पास इतनी जगह नहीं है, इसलिए मैंने संकल्प लिया है कि इस साल अपने घर पर गमले में ही बरगद का पौधा लगाऊंगी। - अनु जैन, जयपुर हाउस

पर्यावरण को बचाने की जिम्मेदारी हमारी ही है, मैं अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन करने के लिए नियमित रूप से पौधे लगाती हूं। इस साल मैंने अपने घर पर ही बरगद का पौधा लगाया है। - दीपिका गुप्ता, राजपुर चुंगी 


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