आगरा, जागरण संवददाता। आगरा में ताजगंज के तोरा चौकी क्षेत्र में लंबे समय से बांग्लादेशी घुसपैठिये झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। सिकंदरा में बांग्लादेशियों के पकड़े जाने के बाद भी पुलिस की नींद नहीं टूटी। जेल में बांग्लादेशियों से मुलाकात से मामला खुल गया। इसके बाद एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड (एटीएस) की टीम ने शनिवार को दो महिला समेत पांच बांग्लादेशियों को गिरफ्तार कर लिया। एक महिला के पास पासपोर्ट मिला है। सभी आरोपितों को धोखाधड़ी और विदेशी अधिनियम की धारा के तहत जेल भेजा गया है।
आवास विकास में बसा रखी थी पूरी बस्ती
सिकंदरा आवास विकास कालोनी सेक्टर 14 में बांग्लादेशियों ने पूरी बस्ती बसा रखी थी। इंटेलीजेंस ब्यूरो और पुलिस की संयुक्त टीम ने छापा मारा था। वहां से 32 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया था। इन सभी को जेल भेजा गया था। पुलिस उनसे मुलाकात करने वालों पर नजर रख रही थी। शुक्रवार को जेल में बंद बांग्लादेशी हसन, परवेज और रोहिमा से मिलने बांग्लादेशी महिला जन्नत आरा गई थी। जन्नत आरा का भाई हसन है। जेल में महिला की मुलाकात से एटीएस को सुराग मिल गया। एटीएस ने ताजगंज के तोरा क्षेत्र में बरातघर के पास चार बांग्लादेशियों और जन्नत आरा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद ताजगंज पुलिस को सौंप दिए।
तीन महीने पहले वीजा पर भारत आई थी जन्नत
एडीजी एटीएस नवीन अरोरा बताया कि जन्नत तीन महीने पहले वीजा पर भारत आयी थी। जन्नत का पति अजीजुर गाजी तीन वर्ष से सिकंदरा-बोदला रेल ओवर ब्रिज पास खाली मैदान में झोपड़ी डालकर रह रहा था। आवास विकास कालोनी में बांग्लादेशियों की गिरफ्तारी के बाद यहां से चला गया। कबाड़ का काम बंद कर दिया। अब बरातघर और गेस्ट हाउस में सफाई का काम करता है।
बांग्लादेशी भेजते हैं घरों पर रुपये
पुलिस के अनुसार जन्नत बांग्लादेशियों को घुसपैठ कराती है। यहां रहने वाले बांग्लादेशी उसके माध्यम से अपने घरों पर रकम भेजते थे। सवाल यह है कि लंबे समय से रह रहे इन बांग्लादेशियों की खबर खुफिया एजेंसियों और पुलिस को क्यों नहीं हुई।
ये हुए गिरफ्तार
इब्राहिम शेख निवासी थाना उभयपुर जिला जौसुर बांग्लादेश, अजीजुर गाजी उसकी पत्नी जन्नत आरा, राजू शेख उसकी पत्नी मुक्ता शेख निवासी जिला खुलना बांग्लादेश को गिरफ्तार किया है। मुक्ता शेख के बच्चा भी है। आरोपितों से फर्जी आधार कार्ड, कोविड टीकाकरण का प्रमाण पत्र, चार मोबाइल व जिला जेल में मुलाकात की पर्ची व पांच हजार से अधिक रकम बरामद हुई है।
जन्नत करती थी घुसपैठ में मदद
पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार चारों आरोपितों ने बताया कि बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ कराने में जन्नत आरा मदद करती थी। उसके पास पासपोर्ट होने के चलते घुसपैठ कराने में आसानी रहती है। बदले वह 15 से 20 हजार रुपये तक लेती है।
कार्रवाई के बाद छोड़ दिए पुराने ठिकाने
घुसपैठियों ने बताया कि सिकंदरा में उनकी सबसे बड़ी बस्ती थी। पुलिस कार्रवाई के बाद सभी ने पुराने ठिकाने छोड़ दिए थे। अलग-अलग रहने लगे। कूड़ा बीनने का काम छोड़ दिया था। अन्य काम करने लगे थे। शहर में अभी दो दर्जन से अधिक बांग्लादेशी हैं।