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नहीं होंगे Side Effect, आयुर्वेदिक पद्धति से कराएं डेंगू से लेकर खांसी का इलाज Agra News

दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार ने सवालों के जवाब दिए।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 04:50 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 04:50 PM (IST)
नहीं होंगे Side Effect, आयुर्वेदिक पद्धति से कराएं डेंगू से लेकर खांसी का इलाज Agra News
नहीं होंगे Side Effect, आयुर्वेदिक पद्धति से कराएं डेंगू से लेकर खांसी का इलाज Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। आयुर्वेदिक और यूनानी पद्धति में सामान्य वायरल बुखार, डेंगू का इलाज संभव है। वहीं, एलर्जी और इन्फेक्शन से होने वाली खांसी का इलाज भी आयुर्वेदिक पद्धति में है। मरीज एक रुपये के पर्चे पर परामर्श के साथ निश्शुल्क दवाएं ले सकते हैं। दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार ने सवालों के जवाब दिए।

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सवाल : एसिडिटी की समस्या है, क्या आयुर्वेदिक इलाज से सही हो सकती है? 

जवाब: एसिडिटी की समस्या जीवनशैली और खानपान से जुड़ी हुई है। मिर्च मसाले का इस्तेमाल कम करें, सोने से दो घंटे पहले रात का खाना ले लें। कुछ आयुर्वेदिक दवाएं भी दी जाती हैं, इससे एसिडिटी की समस्या ठीक हो जाएगी।

सवाल : दाएं हाथ की कोहनी में दर्द रहता है, एलोपैथिक दवा से कोई आराम नहीं मिला? 

जवाब : महानारयण तेल लगाने के लिए दिया जाता है और कुछ दवाएं खानी होती हैं। इससे दर्द में राहत मिल जाएगी।

सवाल: खांसी की समस्या है, ठीक नहीं हो रही है? 

जवाब : एलर्जी और इन्फेक्शन के कारण खांसी हो सकती है, इन दोनों का इलाज आयुर्वेदिक पद्धति से संभव है।

सवाल : तंबाकू का सेवन करने से मुंह में छाले हो गए हैं, यह सही हो सकते हैं? 

जवाब : इसके लिए तंबाकू छोडऩी होगी, कुछ दवाएं दी जाती हैं, इससे तंबाकू छोडऩे के साथ छाले भी सही हो जाएंगे।

सवाल : बच्ची को एक महीने से उल्टी हो रही हैं, यह ठीक हो सकता है?

जवाब : यह किस कारण हो रही है, यह देखना पड़ेगा, दवाओं से यह ठीक हो सकता है।

सवाल : दवाएं लेने के बाद भी शुगर का स्तर कम नहीं हो रहा है? 

जवाब : आयुर्वेदिक पद्धति में कुछ दवाएं हैं, इससे शुगर का स्तर नियंत्रित हो जाता है। ये दवाएं सुबह और शाम लेनी होती हैं।

डेंगू, बुखार से लेकर गंभीर बीमारियों का इलाज

आयुर्वेदिक और यूनानी पद्धति में डेंगू और वायरल बुखार से लेकर अस्थमा सहित गंभीर बीमारियों का इलाज संभव है। इन दवाओं के साइड इफेक्ट भी नहीं होते हैं। मगर, दवा ठंडे पानी से लेनी है या गर्म पानी से ली जानी है। शहर और दूध के साथ दवा लेनी होती है, यह हर मर्ज के लिए अलग अलग होता है। ऐसे में डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद ही दवाएं लें।

लेडी लॉयल से सीएचसी में है आयुर्वेदिक, यूनानी हॉस्पिटल

मरीज एक रुपये के पर्चे पर आयुर्वेदिक और यूनानी पद्धति से इलाज करा सकते हैं। लेडी लॉयल महिला चिकित्सालय में 25 बेड का आयुर्वेदिक यूनानी अस्पताल है। इसके साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में आयुर्वेदिक हॉस्पिटल हैं। यहां दवाएं उपलब्ध हैं, मरीज भर्ती करने की व्यवस्था भी है।

ये है हाल

आयुर्वेदिक हॉस्पिटल 26, (25 बेड के दो हॉस्पिटल लेडी लॉयल महिला चिकित्सालय और किरावली)

यूनानी चिकित्सालय - 1

हर महीने परामर्श ले रहे मरीज - 15 से 16 हजार  


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